नेशनल
सरकार से राजनीतिक तौर पर लड़ना सीखना होगा : श्याम बेनेगल
कोच्चि। फिल्मकार श्याम बेनेगल फिल्मकारों और लेखकों के पुरस्कार लौटाने के कदम के खिलाफ हैं। उनका मानना है कि यह सही चलन नहीं है। देश में बढ़ रही असहिष्णुता के खिलाफ विरोध जताने के लिए कई साहित्यकारों और फिल्मकारों ने अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटा दिए।
यहां जारी इंडीवुड फिल्म मार्केट में शामिल होने आए बेनेगल ने बताया, “यह पुरस्कार राष्ट्र की ओर से दिए गए हैं, सरकार की ओर से नहीं। लोगों को सरकार से राजनीतिक तौर पर लड़ना सीखना होगा। पुरस्कार लौटाना कोई समझदारी की बात नहीं।” उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी ने केसर-ए-हिद पदक लौटा दिया था, क्योंकि यह पदक ब्रिटिश औपनिवेशिक सत्ता द्वारा दिया गया था।”
देश में बढ़ती असहिष्णुता के बढ़ते माहौल के बारे में बेनेगल ने कहा, “कन्नड़ लेखक एम.एम कलबुर्गी की हत्या और दादरी कांड घोर असहिष्णुता के उदाहरण थे। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कानून व्यवस्था को बनाए रखे, लेकिन पुरस्कार लौटाना कोई समाधान नहीं।” भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के छात्रों की गजेंद्र चौहान की अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ लंबे समय तक छात्रों की हड़ताल के बारे में कहा कि छात्रों को यह कदम नहीं उठाना चाहिए था। बेनेगल ने कहा, “छात्रों का मानना है कि अध्यक्ष राजनीतिक पार्टी का हिस्सा हैं, लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता। छात्रों को हड़ताल नहीं करनी चाहिए थी, बल्कि अध्यक्ष के साथ मुलाकात कर उनसे अपने संदेह साझा करने चाहिए थे।”
आध्यात्म
नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां
नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है। मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।
मां को प्रिय है ये भोग
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।
यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा
मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।
माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं
जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।
दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।
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