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नेशनल

दाऊद के सरेंडर के बयान से पलटे पूर्व कमिश्नर

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नई दिल्ली। देश का मोस्टवांटेड और अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम 1993 में मुंबई धमाकों के 15 महीने बाद सरेंडर करना चाहता था। हालांकि सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया। सीबीआई के तत्कालीन डीआईजी और दिल्ली के पूर्व कमिश्नर नीरज कुमार ने यह खुलासा किया। उन्होंने कहा कि दाउद को विरोधी गैंग से अपनी जान का खतरा था और इसके कारण सुरक्षा के लिए वह समर्पण करना चाहता था। हालांकि बाद में मामले के तूल पकड़ने पर पूर्व कमिश्नर नीरज कुमार अपनी बात से पलट गए और कहा कि उन्होंने कभी दाऊद के आत्मसमर्पण की बात ही नहीं की। इस बीच केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री जनरल (रि) वीके सिंह ने कहा है कि यदि यह सच्चाई पूर्व दिल्ली पुलिस कमिश्नर को इतने पहले से मालूम थी, तो अपने कार्यकाल के दौरान ही उन्हें यह जानकारी देनी चाहिए थी।

1993 से 2002 तक सीबीआई में रहे नीरज कुमार ने बताया है कि जून 1994 में उनकी दाऊद से समर्पण के संबंध में तीन बार बात हुई थी। उस वक्त वह इस मामले की जांच कर रहे थे। नीरज कुमार ने कहा कि बम धमाकों के लगभग सवा साल बाद जून 1994 में मैंने दाउद से तीन बार बात की और उस समय वह घबराया हुआ था। वह समर्पण को लेकर दिलचस्पी ले रहा था लेकिन उसे डर था कि भारत आने पर विरोधी गैंगस्टर उसे मार देंगे। उन्होंने दाऊद से कहा कि सीबीआई उसकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी लेगी। हालांकि, वह बात को आगे बढ़ाते इससे पहले ही सीबीआई के शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने कहा कि दाउद परेशान था और कह रहा था कि मुंबई धमाकों में उसकी कोई भूमिका नहीं है। लेकिन धमाकों के सबूत उसके दावे की धज्जियां उड़ा रहे थे।

बता दें कि 1993 बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा घायल हो गए थे। वहीं नीरज कुमार इस समय अपने 37 साल के कॅरियर की टॉप-10 मामलों की जांच को लेकर किताब लिख रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दाउद के करीबी मनीष लाला ने दोनों की बात कराई थी।

हालांकि बाद में मामले के मीडिया में छाने पर पूर्व कमिश्नर नीरज कुमार अपनी बात से पलट गए और कहा कि उन्होंने कभी दाऊद के सरेंडर की बात ही नहीं की। इस बात का खंडन तत्कालीन सीबीआई निदेशक विजय रामा राव ने भी किया था। उन्होंने कहा कि दाऊद ने सरेंडर की कोई पेशकश नहीं की थी। उन्होंने कहा कि दाऊद के सरेंडर के ऑफर को इनकार करने की बात सोची भी नहीं जा सकती।

नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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