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हेल्थ

सर्दियों में खांसी और फ्लू के संक्रमण से बचें

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सर्दियों नई दिल्ली| सर्दियां, जुकाम और फ्लू का मौसम होता है। जुकाम, खांसी और फ्लू के मामले इन दिनों बढ़ने लगते हैं। हवा में मौजूद नमी के जरिए खांसी का संक्रमण माहौल में आसानी से फैल सकता है और दूसरों को संक्रमित कर सकता है। 80 प्रतिशत संक्रमण सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से फैलते हैं। ऐसा देखा गया है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले ज्यादातर लोग खांसी, छाती जमने, गला खराब होने और जुकाम के दूसरे लक्षणों के ही शिकार हो जाते हैं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) मनोनीत अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है, “जब हम खांसते या छींकते हैं तो सांस प्रणाली में मौजूद गंदगी को बाहर निकालते हैं जो बेहद महीन बूंदें भी हो सकती हैं या हवा युक्त नमी के कण हो सकते हैं जो पांच माइक्रोन से भी छोटे होते हैं। दोनों के अपने-अपने प्रभाव होते हैं।”

उन्होंने कहा, “नमी के ये कण कुछ ही समय के लिए हवा में रहते हैं और तीन फीट से कम दूरी में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से सांस प्रणाली द्वारा संक्रमण फैलता है। फ्लू के मामले में यह छह फीट हो सकता है। मेनिन्गितिस, रूबेला आदि नमी युक्त कणों से होने वाले संक्रमण के उदाहरण हैं।”

डॉ. अग्रवाल के मुताबिक, घरेलू स्वच्छता के मद्देनजर जिन घरों मंे खिड़कियां खुली रहती हैं, वहां पर हवा लगातार साफ होती रहती है, जो संक्रमण को फैलने से रोकती है। लेकिन एसी वाले कमरे, जहां शुद्ध हवा नहीं आती, संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति तक फैल सकता है। खासकर सर्दियां अधिक होने पर संक्रमण को रोकने के लिए कार्यस्थल पर स्वच्छता भी अहम होती है।

उन्होंने कहा, “कार्यस्थल जहां पर स्प्लिट एसी है तो वहां अगर एक व्यक्ति को संक्रमण है तो यह दूसरों तक भी फैल सकता है। इसलिए टीबी, मीजल्स (खसरा), चिकनपॉक्स और सारस जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को स्प्लिट एसी वाले जगहों पर नहीं बैठना चाहिए।”

डॉ. अग्रवाल का मानना है कि छह से 10 फीट तक दूरी वाले व्यक्ति को किसी सावधानी की जरूरत नहीं है, लेकिन स्वस्थ व्यक्ति जो संक्रमित व्यक्ति के पास तीन से छह फीट के दायरे में है, उसे सामान्य मास्क पहनना चाहिए। टीबी, मीजल्स, चिकनपॉक्स और सारस के पीड़ित इस श्रेणी के संक्रमण में आते हैं और इन्हें आइसोलेशन रूम में रखना चाहिए और जो लोग उनकी देखभाल कर रहे हों, उन्हें एन95 मॉस्क पहनना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान :

-किसी बीमार व्यक्ति के या आप बीमार हों तो दूसरे के ज्यादा करीब जाने से बचें

-बीमार होने पर घर पर रह कर आराम करें और दूसरों को संक्रमण से बचाएं

-अपनी नाक और मुंह को ढककर रखें

-साबुन या एंटीबायटिक लोशन से अपने हाथ बार-बार धोएं

-सार्वजनिक स्थानों पर सतहों को छूने से परहेज करें

-अपने चेहरे को बार-बार हाथ न लगाएं।

लाइफ स्टाइल

सुबह डल नजर आता है चेहरा, तो अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय

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face dull in morning

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नई दिल्ली। सुबह उठने के बाद अक्सर लोगों का चेहरा डल नजर आता है, तो आपको कुछ छोटे-छोटे उपाय करने चाहिए जिससे कि आपको इस प्रॉब्लम से छुटकारा मिल सके। रात के समय अगर आप कुछ टिप्स को फॉलो करके सोते हैं, तो फिर सुबह आपकी स्किन काफी दमकती हुई नजर आएगी।

आपकी स्किन अगर ऑयली है, तो आप रात के समय चेहरा धोने के बाद एलोवेरा जेल से मसाज करके सोएं। इससे आपका चेहरा सुबह उठने पर काफी ग्लोइंग नजर आएगा।

मेकअप उतारकर सोएं

आप अगर मेकअप के साथ ही सो जाते हैं, तो इससे आपका चेहरा डल नजर आने लग जाता है। साथ ही रात के समय मेकअप में मौजूद केमिकल्स आपकी स्किन पर रिएक्ट भी कर सकते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि पिम्पल्स से बचाव के लिए मेकअप उतारकर सोएं।

रात को चेहरे पर सीटीएम जरूर करें

चेहरे को ग्लोइंग बनाने और डलनेस दूर करने के लिए सीटीएम रूटीन को फॉलो करें। इसके लिए रात को सोने से पहले आपको चेहरा क्लींजर से साफ करना है, फिर टोनिंग करने के बाद मॉश्चराइजर लगाना है।

चेहरे पर फेसमॉस्क लगाकर न सोएं

कई ऐसे प्रॉडक्ट होते हैं जिन पर लिखा होता है कि यह नाइट ग्लोइंग पैक की तरह काम करते हैं और आप इसे रात में लगाकर सो सकते हैं लेकिन हर किसी की स्किन पर यह प्रॉडक्ट सूट नहीं करते हैं, इसलिए रात को कोई भी फेसमास्क लगाकर न सोएं।

 

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