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नेशनल

सहारनपुर की घटना पक्षपात का नतीजा : मायावती

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लखनऊ /सहारनपुर, 23 मई (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि सहारनपुर में हुई घटना दर्दनाक है। यह घटना पक्षपात की वजह से हुई है।

मायावती दिल्ली से सड़क मार्ग से सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव पहुंचीं, लेकिन पहुंचने में निर्धारित समय से ढाई घंटे विलंब हो गया।

बसपा अध्यक्ष के पहुंचते ही वहां पर उपस्थित भीड़ पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगी। मायावती की मौजूदगी में दलितों ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसी के बीच मायावती ने शब्बीरपुर में जले हुए घरों को देखा। इन घरों को राजपूतों ने जलाया था और दलितों की पिटाई की थी।

मायावती ने कहा, सहारनपुर में हुई घटना दर्दनाक है। भाजपा की सरकार जातिवादी सरकार है। यह सरकार पक्षपात कर रही है। सहारनपुर की घटना पक्षपात की वजह से हुई है। कोई भी सरकार समाज को जोड़ती है, लेकिन भाजपा की सरकार समाज को तोड़ने के लिए आई है।

मायावती ने शब्बीरपुर गांव में हुई घटना पर पार्टी फंड से मुआवजे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिनके घर जले, उन्हें 50 हजार रुपये और जिनके घर में कम नुकसान हुआ है, उन्हें 25 हजार रुपये दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार दलितों की रक्षा करने में विफल है। जिला प्रशासन और पुलिस पक्षपात कर रही है। सरकार की शह पर यहां जिला व पुलिस प्रशासन दलित विरोधी काम कर रहा है।

बसपा अध्यक्ष नई दिल्ली से सड़क मार्ग से सहारनपुर के गांव शब्बीरपुर पहुंचीं। उनका गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर में एक दर्जन से अधिक जगहों पर स्वागत किया गया।

मायावती सुबह 9़ 15 बजे कार से नई दिल्ली से शब्बीरपुर के लिए रवाना हुईं। उन्हें दिन में करीब एक बजे शब्बीरपुर गांव पहुंचना था। वह हेलीकॉप्टर से जाना चाहती थीं, लेकिन जिला प्रशासन ने हेलीपैड की सुविधा देने से इनकार कर दिया। सड़क मार्ग से वह 3़ 30 बजे वहां पहुंचीं। पुलिस व जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम को लेकर अपने स्तर से तैयारियां की थीं।

पांच मई को सहारनपुर जिले के बड़गांव थाना क्षेत्र के शब्बीरपुर में बिना अनुमति जुलूस निकाले जाने को लेकर ठाकुरों और दलितों के बीच पथराव और गोलीबारी हुई। ठाकुरों ने कई दलितों के घरों में आग लगा दी और उनके धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ की। खबर है कि मंगलवार को मायावती के शब्बीरपुर से रवाना होने के बाद ठाकुरों और दलितों के बीच फिर झड़प हुई।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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