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सारे फसाद की जड़ है आतंकवाद : सुषमा

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नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)| दुनियाभर में चरमपंथ से प्रेरित विचारों के चलते विनाशकारी ताकतों को मजबूती मिलने का दावा करते हुए विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि आज सारे फसादों की जड़ आतंकवाद है।

भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र विषय पर भारत की ओर आयोजित प्रमुख सम्मेलन ‘रायसीना वार्ता’ के दौरान अपने संबोधन में सुषमा स्वराज ने कहा, इस बात की आवश्यकता है कि विश्वभर में आज उन दस्तूरों पर बहस होनी चाहिए और स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए जिनसे अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था तय हो रही है।

उन्होंने कहा, आज यह बात ज्यादा अहम हो गई है कि दुनियाभर में प्रचलित उन दस्तूरों व लोकाचारों पर बहस हो जिनसे अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था बनती है।

उन्होंने कहा, विश्व में जिस तरीके से चरमपंथ से प्रेरित विचार आकार ले रहा है उससे विनाशकारी ताकतों के मजबूत होने की संभावना बढ़ गई है।

विदेश मंत्रालय और विचार मंच ऑब्जर्वर रिचर्स फाउंडेशन की ओर से आयोजित ‘रायसीना डायलॉग’ का विषय इस साल ‘मैनेजिंग डिस्परिटव टेंडेंसीज : आइडिया, इंस्टीट्यूशन एंड इडियम्स’ था।

पुरानी उदारवादी व्यवस्था पर सवाल करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि अधिक प्रभावोत्पादक अंतराष्ट्रीय संबंध और सक्षम वैश्विक अर्थशास्त्र के लिए आज साझा हित तलाशने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, इसमें दो राय नहीं कि आज सारे फसादों की जड़ आतंकवाद है। पिछले कुछ दशकों से हम इस बात को मानने लगे हैं।

विदेश मंत्री ने कहा, जाहिर है कि आतंकवाद कहीं भी हो हर जगह समाज के लिए खतरा पैदा कर सकता है। चरमपंथ के प्रति बढ़ते रुझानों से डिजिटल युग में यह चुनौती ज्यादा गंभीर बन गई है।

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का उदाहरण देते हुए स्वराज ने कहा, दरअसल आतंकवाद राज्य प्रायोजित होता है और राज्यों की ओर से सक्रिय सहयोग मिलता है जोकि खतरनाक है।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद के प्रति आज जीरो टॉलरेंस की जरूरत है।

भारी विनाश के हथियार के संबंध में उन्होंने कहा, भारी विनाश के हथियार, खासतौर से परमाणु बम के इस्तेमाल के पक्ष में दी जा रही दलीलों से बढ़ते खतरों को नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

आर्थिक व वाणिज्यिक मसलों पर स्वराज ने कहा कि प्रारंभ में तुलनात्मक लाभ और बाजार में पहुंच बढ़ाने पर ध्याद दिया गया लेकिन अब संपर्क की अहमियत को ज्यादा तवज्जो दिया जा रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने ईरान के चाबहार बंदरगाह और भारत में एयर कोरिडोर का जिक्र किया, जिससे अफगानिस्तान को फायदा मिला है। इसके अलावा उन्होंने निर्माणाधीन भारत-म्यांमार-थाइलैंड के बीच तीन पक्षीय राजमार्ग का भी उल्लेखि किया, इससे भारत, दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच संपर्क सुलभ होगा। स्वराज ने भारत, ईरान और यूरोप के बीच इंटरनेशनल नार्थ-साउथ कोरिडोर के बारे में भी बताया।

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नेशनल

दिल्ली की हवा में घुला जहर, कई इलाकों में AQI 400 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति एक बार फिर खराब हो गई है। वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है। दो दिन से हल्की हवा चलने की वजह से दिल्ली में वायु की गुणवत्ता में थोड़ा सुधार देख जा रहा था, लेकिन राजधानी गैस चैंबर बन गई है। दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 से भी ज्यादा दर्ज किया जा रहा है।

दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में AQI

आनंद विहार- 372
अशोक विहार- 398
अलीपुर- 393
बवाना- 414
बुराड़ी- 370
मथुरा रोड- 333
द्वारिका- 356
IGI एयरपोर्ट- 349
जहांगीरपुरी- 397
आईटीओ- 327
लोधी रोड- 310
मुंडका- 418
मंदिर मार्ग- 358
ओखला- 356
पटपड़गंज- 383
पंजाबी बाग- 389
आर के पुरम- 373
रोहिणी- 393
विवेक विहार- 383
वजीरपुर- 421
नजफगढ़- 956

 

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