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आध्यात्म

सावन में देवघर शिवभक्तों के लिए तैयार

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देवघर (झारखंड)| झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम श्रावणी मेले को लेकर पूरी तरह तैयार है। यहां का शिव मंदिर द्वादश ज्योर्तिलिंगों में सर्वाधिक महिमामंडित माना जाता है। सावन महीने में यहां प्रतिदिन करीब एक लाख शिवभक्त शिवलिंग पर जलार्पण करते हैं। सोमवार को यहां आने वाले शिवभक्तों की संख्या और बढ़ जाती है। देवघर जिला प्रशासन का दावा है कि झारखंड राज्य के प्रवेश द्वार दुम्मा से लेकर बाबाधाम में पड़ने वाले पूरे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है। दुम्मा से लेकर बाबा मंदिर की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है।

देवघर के जिलाधिकारी अमित कुमार ने  बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए एनडीआरएफ की टीम तैनात है। श्रावणी मेले में पहली बार इस साल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ ) के जवानों को भी लगाया गया है।

उन्होंने बताया कि एक अगस्त से प्रारंभ होने वाले सावन महीने में अधिक भीड़ जुटने की संभावना के मद्देनजर बाबा पर जलार्पण के लिए ‘अरघा’ की व्यवस्था रहेगी। अरघा के जरिए ही शिवभक्त जलार्पण करेंगे। इसके अलावा मंदिर प्रांगण में बड़ा जलपात्र भी रखा रहेगा, जिसमें नि:शक्त, असहाय, वृद्ध वैसे कांवड़िए जो भीड़ से बचना चाहते हैं, वे इस जलपात्र में जल डालेंगे और उनका जल पाइप लाइन सिस्टम के जरिए सीधे बाबा के शिवलिंग पर चढ़ेगा, जिसका सीधा प्रसारण वे टेलीविजन स्क्रीन पर देख सकेंगे।

कुमार ने बताया कि बाबा मंदिर प्रबंधन बोर्ड प्रयोग के तौर पर जलार्पण के लिए विशेष व्यवस्था कर रही है। इसके तहत दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु बाबा मंदिर की वेबसाइट पर लॉगऑन कर एक परिवार के छह सदस्यों के लिए एक बार में ऑनलाइन बुकिंग करा सकते हैं। ऐसे परिवारों को 101 रुपये का शुल्क देना होगा, जिन्हें जलार्पण की विशेष सुविधा मिलेगी।

देवघर के पुलिस अधीक्षक पी़ मुरूगन ने बताया कि यहां आने वाले सभी भक्तों को प्रवेश निबंधन कार्ड लेना अनिवार्य होगा। इसके लिए कांवड़िया पथ सरासनी में वृहत काउंटर बनाए गए हैं। कांवड़ियों की सुविधा के लिए इस बार व्यवस्था को और पुख्ता किया गया है। लंबी कतार को देखते हुए मानसरोवर से नंदन पहाड़ और दुर्गाबाड़ी से बेला बगान तक गलियारे का निर्माण कराया गया है।

कांवड़िया पथ में कांवड़ियों की सुविधा के लिए कृत्रिम वर्षा की व्यवस्था की गई है। कांवड़िया राह से गुजरते हुए बनावटी बारिश में स्नान कर सकेंगे। इस दौरान कांवड़ियों के पैरों पर पानी डाला जाएगा, ताकिउन्हें शीतलता का अहसास हो।

मेले में सुरक्षा को लेकर 2,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है। भीड़ नियंत्रण के लिए पिछले वर्ष त्वरित कार्य बल (रैफ ) के जवानों को लगाया गया था, लेकिन इस बार यह कमान सीआरपीएफ के जवान संभालेंगे। मंदिर के अलावा आसपास के इलाके में 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

मेला परिसर में 23 स्थानों पर सूचना केंद्र की स्थापना की गई है।

उल्लेखनीय है कि यहां वर्षभर शिवभक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है, लेकिन सावन में यह पूरा क्षेत्र केसरिया वस्त्र पहने शिवभक्तों से पट जाता है। भगवान भोलेनाथ के भक्त 105 किलोमीटर दूर बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज में बह रही उत्तर वाहिनी गंगा से जल भरकर पैदल यात्रा करते हुए यहां आते हैं और शिव का जलाभिषेक करते हैं। वैसे कई श्रद्धालु सीधे बाबा की नगरिया आकर बैद्यनाथ की पूजा कर खुद को धन्य मानते हैं।

 

उत्तर प्रदेश

जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियों का एक्सीडेंट, बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत

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नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह करीब 5 बजे भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में जगतगुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। इसके अलावा उनकी दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं। घायल दोनों बेटियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे के बाद जगतगुरु कृपालु परिषत की ओर से शोक संदेश भी जारी किया गया है। संदेश जारी करने के बाद भक्तों द्वारा इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया जा रहा है।

दिल्ली जाते समय हुआ हादसा बताया जा रहा है कि मथुरा से जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी कार से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए निकलीं थीं। उनके साथ आश्रम से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद थे। दिल्ली एयरपोर्ट से उनको फ्लाइट पड़कर सिंगापुर जाना था। कार यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंची थी। इसी दौरान तेज रफ्तार की एक डीसीएम ने आगे चल रही दोनों कारों में टक्कर मार दिया। टक्कर लगने के बाद कार क्षतिग्रस्त हो गईं।

हादसे में बड़ी बेटी का निधन

हादसे में कृपालु जी की बड़ी बेटी 65 साल की डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन हुआ है. हादसा दो छोटी बेटियों, डॉ. श्यामा त्रिपाठी व डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बताई जाती जा रही है. सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सिंगापुर जाने के लिए तीनों बहनें फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट के लिए जा रही थीं.

 

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