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अन्तर्राष्ट्रीय

सिंगापुर : पूर्व प्रधानमंत्री की अंत्येष्टि पर बंद रहेंगी सड़कें

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सिंगापुर| सिंगापुर में पूर्व प्रधानमंत्री ली कुआन यू की अंत्येष्टि के कारण रविवार को कुछ सड़कें बंद रहेंगी। निमोनिया से पीड़ित ली का सोमवार को 91 वर्ष की उम्र में एक अस्पताल में निधन हो गया था। ‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अंत्येष्टि के लिए ली का शव दोपहर 12.30 बजे संसद भवन से निकाला जाएगा। शव को नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एयूएस) स्थित यूनिवर्सिटी कल्चरर सेंटर (यूसीसी) ले जाया जाएगा, जहां उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद ली कुआन के शव को मंडाय श्मशान ले जाया जाएगा।

ली के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले एशियाई नेताओं में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, मलेशिया के शाह अब्दुल हालिम, इंडोनेशिा के राष्ट्रपति जोको विडोडो, म्यांमार के राष्ट्रपति थीन सीन, थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुथ चान-ओचा, कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन, वियतनाम के प्रधानमंत्री नगुयेन तना डुंग और दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुएन-हए शामिल हैं।

अंतिम संस्कार में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर, ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट, इजराइल के राष्ट्रपति रियूवेन रिवलिन और कनाडा के गवर्नर जनरल डेविड जॉन्सटन जैसे वैश्विक नेता भी शामिल होंगे।

ली सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री थे। वह 1965 से 1990 तक देश के प्रधानमंत्री पद पर आसीन रहे थे।

अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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