Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

सितंबर में कारों की बिक्री ने पकड़ी तेजी

Published

on

Loading

s-crossनई दिल्ली। वाहनों के नए मॉडल, मानसून की अच्छी बारिश और सातवें वेतन आयोग के सकारात्मक प्रभाव के रूप में सितंबर में भारतीय वाहन निर्माताओं की अच्छी बिक्री हुई, क्योंकि ग्राहकों ने अपने पुराने वाहनों को बदलकर नए वाहनों को खरीदने में खूब दिलचस्पी दिखाई।

प्राइस वाटरहाउस के भागीदार अब्दुल मजीद ने बताया, ग्राहकों की सकारात्मक भावना और त्योहारी अवधि वाहन उद्योग को रफ्तार प्रदान करेगी। नए-नए मॉडल निश्चित रूप से ग्राहकों को अपने पुराने मॉडल को बदलने की तरफ खीचेंगे। लेकिन त्योहारी मौसम के बाद वाहनों की बिक्री निजी निवेश में हुई वृद्धि और अर्थव्यवस्था में कुल मिलाकर आई तेजी पर ही निर्भर करेगी।

पिछले महीने यात्री कारों, यूटिलिटी वाहनों और दोपहिया वाहनों की अच्छी बिक्री देखी गई। प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की बिक्री में सितंबर में 31.1 फीसदी का इजाफा हुआ। कंपनी ने शनिवार को यह जानकारी दी। कंपनी के मुताबिक, समीक्षाधीन महीने में उसके कुल 1,49,143 वाहनों की बिक्री हुई, जबकि पिछले साल के सितंबर महीने में कुल 1,13,759 वाहन बिके थे।

कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया, कंपनी ने सितंबर महीने में अब तक का सबसे ज्यादा वाहन बेचने का रिकार्ड बनाया और कुल 1,49,113 वाहनों की बिक्री हुई। यह कंपनी का घरेलू बाजार में भी किसी एक महीने में हुई सर्वाधिक बिक्री है।

पिछले महीने कंपनी की घरेलू बिक्री में 29.4 फीसदी की तेजी आई थी और कुल 1,37,321 वाहनों की बिक्री हुई थी, जबकि साल 2015 के अगस्त में 1,06,083 वाहन बिके थे। इसके अलावा सितंबर में वाहनों के निर्यात में 54 फीसदी की तेजी देखने को मिली और कुल 11,822 वाहन निर्यात किए गए, जबकि पिछले साल सितंबर में कुल 7,676 वाहनों का निर्यात हुआ था।

वहीं, दूसरी प्रमुख कंपनी टाटा मोटर्स के भी यात्री कारों और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में सितंबर में आठ फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई और कंपनी ने कुल 48,648 वाहन बेचे, जबकि साल 2015 के सितंबर में कंपनी ने कुल 45,215 वाहन बेचे थे। समीक्षाधीन अवधि में टाटा के वाणिज्यिक और यात्री वाहनों की बिक्री में पांच फीसदी का इजाफा हुआ और कुल 42,961 वाहनों की बिक्री हुई, जबकि सितंबर महीने में निर्यात में 29 फीसदी की बढो़तरी हुई और कुल 5,687 वाहनों का निर्यात किया गया।

वाहन निर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा ने समीक्षाधीन महीने में बिक्री में 8 फीसदी बढ़ोतरी की जानकारी दी है। कंपनी ने पिछले महीने कुल 46,130 वाहन बेचे, जबकि साल 2015 के सितंबर महीने में कुल 42,848 वाहनों की बिक्री हुई थी। महिंद्रा एंड महिंद्रा के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (वाहन) प्रवीण शाह ने बताया, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कई अनिश्चितताओं और चुनौतियों के बावजूद हमने 11 फीसदी की वृद्धि दर हासिल की है, जो खुशी की बात है। इन छह महीनों में हमारे नियार्त में 18 फीसदी की अच्छी वृद्धि हुई है। वहीं, घरेलू बिक्री में 7 फीसदी का इजाफा हुआ और कुल 42,545 वाहनों की बिक्री हुई।

वाहन निर्माता फोर्ड इंडिया प्रा. लि. के वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी देखी गई और सितंबर में कंपनी ने कुल 22,590 वाहन बेचे। कंपनी द्वारा शनिवार को जारी एक बयान में बताया गया कि सितंबर में उसने कुल 22,590 वाहनों की बिक्री है, जिसमें घरेलू बाजार में 9,018 वाहनों की बिक्री हुई तथा 13,572 वाहनों का निर्यात किया गया। जबकि साल 2015 के सितंबर महीने में कंपनी ने कुल 22,428 वाहनों की बिक्री की थी, जिसमें घरेलू बाजार में 8,274 वाहनों की बिक्री हुई थी और 14,154 वाहनों का निर्यात किया गया था। फोर्ड इंडिया के कार्यकारी निदेशक (मार्केटिंग, सेल्स एंड सर्विस) अनुराग मेहरोत्रा ने कहा, अच्छा मॉनसून, सातवां वेतन आयोग और उचित मुद्रास्फीति से भारतीय वाहन बाजार को मदद मिलेगी।

भारतीय-जापानी संयुक्त उद्यम टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने पिछले महीने घरेलू बिक्री में छह फीसदी बढ़ोतरी की जानकारी दी है और इस दौरान कुल 12,067 वाहनों की बिक्री हुई। जापानी वाहन निर्माता होंडा कार्स इंडिया लि. की कारों की बिक्री में पिछले महीने साल 2015 के सितंबर की तुलना में कमी दर्ज की गई है। कंपनी ने एक बयान जारी कर शनिवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि उसने पिछले महीने कुल 14,439 वाहन बेचे, जबकि 2015 के सितंबर में कंपनी ने कुल 18,509 वाहन बेचे थे।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending