मनोरंजन
सिनेमा के माध्यम से सकारात्मकता फैलाना चाहता हूं: धनुष
चेन्नई, 18 अगस्त (आईएएनएस)| अपने 17 साल लंबे करियर में अभिनेता धनुष ने एक विमुख कलाकार से लेकर एक बहुआयामी कालाकार तक का सफर तय किया है। अपनी नई तमिल फिल्म ‘वीआईपी 2’ की सफलता से खुश धनुष ने कहा कि वह अपनी फिल्मों से सकारात्मकता, प्रेम और उम्मीद फैलाना चाहते है।
धनुष ने याद किया, 16 वर्ष की आयु में मुझे मेरे पिता ने अभिनय की दुनिया में धकेला। मैं एक्टर बनने योग्य नहीं था। मेरे दिल में कुछ और करने की इच्छा थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मै इतना आगे पहुंचूंगा। इससे मुझे आश्चर्य होता है।
धनुष ने 2002 में अपने पिता कस्तूरी राजा की फिल्म ‘थुल्लुवाथो इलमई’ से तमिल फिल्मों में पर्दापण किया था।
धनुष ने यहां आईएएनएस से साक्षात्कार में कहा मैं एक कच्ची धातु की तरह था। मेरे पिता और मेरे भाई ने मुझे निखारा और मुझे अभी भी समझ नहीं आता कि उन्होंने मेरे अंदर ऐसा क्या देखा जो मैं खुद नहीं देख सका। मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली मानता हूं क्योंकि मेरे पेशे से मुझे पहचान मिली।
धनुष ना सिर्फ एक अभिनेता बल्कि एक लेखक, निर्देशक और गायक के रूप में भी विकसित हुए हैं।
लेखकों और निर्देशकों के परिवार से आने वाले धनुष की हमेशा से लेखन में रुचि थी।
हिंदी फिल्मकार राजकुमार हिरानी के बहुत बड़े प्रशंसक धनुष ने कहा, मैं पिछले एक दशक से लिख रहा हूं, लेकिन शुरू में मेरा काम अपरिपक्व था। मैंने यह कला विभिन्न निर्देशकों के साथ काम करने के दौरान सीखी। 2010-11 में मैंने लेखन को गंभीरता से लिया और पूरी कथा, पटकथा और संवाद लिखने लगा।
धनुष द्वारा निर्देशित फिल्म ‘पावर पंडी’ ने इस साल बॉक्स ऑफिस पर खूब कामयाबी बटोरी।
अपनी लेखनी के बारे में धनुष ने कहा कि वह असल जीवन से प्रेरणा लेते हैं।
‘वीआईपी 2’ की कुछ आलोचकों द्वारा आलोचना पर धनुष ने कहा, पावार पंडी को श्रोताओं और आलोचकों ने खूब सराहा। जब मैं वो स्वीकार कर सकता हूं तो ‘वीआईपी 2’ को मिलने वाली मिश्रित प्रतिक्रियाएं भी स्वीकार कर सकता हूं। कभी आलोचक सही हो सकते हैं, तो कभी दर्शक भी सही हो सकते हैं।
‘इनाई नोकी पायम ठोटा’, ‘मारी 2’ और ‘वाडा चेन्नई’ जैसे कई प्रोजेक्ट के साथ-साथ धनुष अगले साल आनंद एल.राय के साथ बॉलीवुड में काम करने को लेकर काफी उत्साहित हैं।
2013 में अपनी डेब्यू हिंदी फिल्म ‘रांझना’ के लिए उन्हें बेस्ट डेब्यू का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था।
बॉलीवुड में अपने काम के बारे में धनुष ने कहा, मैं अपने करियर के बारे में पहले से कुछ तय नहीं करता और चीजों को प्राकृ तिक रूप से घटित होने देता हूं। आप सही समय पर सही जगह, सही लोगों के पास मौजूद होने चाहिए।
धनुष ने अपनी हॉलीवुड फिल्म ‘द एक्सट्राआर्डिनरी जर्नी आफ द फकीर’ के बारे में कहा, मैंने इस फिल्म से पहले हॉलीवुड के तीन प्रोजेक्ट ठुक रा दिए थे। मुझे इस फिल्म की कहानी काफी पसंद आई। मैंने इस फिल्म में एक जादूगर का किरदार निभाया है, यह फिल्म काफी सकारात्मकता फै लाती हैं।
उत्तर प्रदेश
डेकोरेटिव लाइट्स से महाकुंभ बनेगा भव्यता का प्रतीक
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार अनेक अभिनव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पूरे मेला क्षेत्र को डेकोरेटिव लाइट्स से सजाया जा रहा है। 8 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि. की ओर से पूरे मेला क्षेत्र में 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल का जाल बिछाया जा रहा है। संगम जाने वाली हर प्रमुख सड़क पर यह अलौकिक पोल और लाइट श्रद्धालुओं का स्वागत करती नजर आएगी। योगी सरकार का यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करेगा।
प्रमुख मार्गों पर अनूठी रोशनी का जादू
अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि सीएम योगी की।मंशा के अनुरूप महाकुंभ को भव्य रूप देने के लिए विद्युत विभाग बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा है। डेकोरेटिव लाइट्स और डिजाइनर पोल्स उसी का हिस्सा है। मेला क्षेत्र में लाल सड़क, काली सड़क, त्रिवेणी सड़क और परेड के सभी मुख्य मार्गों को आकर्षक डेकोरेटिव लाइट्स से रोशन किया जा रहा है। ये लाइट्स भगवान शंकर, गणेश और विष्णु को समर्पित हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और सौंदर्य का अनुभव कराएंगी।
8 करोड़ की भव्य परियोजना
अधिशाषी अभियंता अनूप सिंह ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 8 करोड़ से ज्यादा की लागत से 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल लगाए जा रहे हैं। इस बार टेंपरेरी की बजाय स्थायी पोल्स का निर्माण किया गया है, जो महाकुंभ के बाद भी क्षेत्र की रौनक बनाए रखेंगे। हर पोल को कलश और देवी-देवताओं की आकृतियों से सजाया गया है, जो मेले के वातावरण को सांस्कृतिक वैभव से भर देंगे। 15 दिसंबर तक सभी डेकोरेटिव लाइट्स का कार्य संपन्न कर लिया जाएगा, जिसके बाद रात में मेला क्षेत्र की आभा देखते ही बनेगी।
विद्युत विभाग का अभिनव प्रयास
उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए यह विद्युत विभाग की ओर से एक अभूतपूर्व पहल है। आधुनिक तकनीक और सांस्कृतिक प्रतीकों के मेल से यह परियोजना महाकुंभ को विश्वस्तरीय भव्य आयोजन का दर्जा देगी। महाकुंभ के लिए लगाए गए ये डेकोरेटिव पोल्स स्थायी रहेंगे, जिससे क्षेत्र में आने वाले पर्यटक भी लंबे समय तक इस भव्यता का आनंद ले सकेंगे। डेकोरेटिव लाइट्स से सजे इस महाकुंभ में हर श्रद्धालु को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव होगा। यह पहल महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की भव्यता और आधुनिक विकास का अद्वितीय प्रतीक बनाएगी।
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