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सीएमजे विश्वविद्यालय के कर्मी फर्जी सर्टिफिकेट बेचने के लिए आरोपित

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शिलांग | मेघालय में सीएमजे विश्वविद्यालय के 11 अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और छात्रों को फर्जी सर्टिफिकेट बेचने के लिए मामले दर्ज किए गए हैं। विश्वविद्यालय को अब भंग किया जा चुका है। विश्वविद्यालय में हुए घोटाले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी स्पिल थमार ने बताया, “हमने 11 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और देश के विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों को फर्जी सर्टिफिकेट बेचने के मामले दर्ज किए हैं। ये सभी 11 व्यक्ति विश्वविद्यालय के अधिकारी थे। विश्वविद्यालय को अब भंग किया जा चुका है।”

राज्य के अपराध जांच विभाग ने शुक्रवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में मामले दर्ज किए। विश्वविद्यालय के कुलपति चंद्रमोहन झा, उनकी पत्नी आई. आर. झा, दो बेटों गोविंद झा एवं गोपाल झा पर मामले दर्ज किए गए हैं। गोविंद और गोपाल विश्वविद्यालय की प्रायोजक संस्था सीएमजे फाउंडेशन के सचिव और कोषाध्यक्ष हैं। इनके अतिरिक्त जिन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, उनमें रजिस्ट्रार मृणाल कांति देब, उप रजिस्ट्रार प्रेमलाल राय, पूर्व रजिस्ट्रार त्रिलोक दास गुप्ता, निदेशक मंजीत कौर कौशल, मानव संसाधन प्रबंधक जुबैन खारपुरी, एपेक्स इ-लर्निग (बेंगलुरू) के अध्यक्ष धनवंत सिंह मथारू और सीएमजे विश्वविद्यालय के कर्मचारी (परीक्षा विभाग) आसिफा नोग्रम के नाम शामिल हैं।

सीएमजे विश्वविद्यालय शिलांग का पहला निजी विश्वविद्यालय है, जिसने 2012-13 शैक्षणिक सत्र में 434 विद्यार्थियों को पीएचडी डिग्री प्रदान की थी। साथ ही इसी सत्र के लिए 490 पीएचडी उम्मीदवारों का नामांकन भी किया, जबकि इसकी फैकल्टी के सदस्यों में से सिर्फ 10 के पास डॉक्टरेट की डिग्री थी। पीएचडी की डिग्री लेने के इच्छुक उम्मीदवारों से 1.27 लाख रुपये प्रतिव्यक्ति जमा करने के लिए कहा गया था। मेघालय के पूर्व राज्यपाल आर. एस. मूशाहरी ने विश्वविद्यालय का दौरा करने के बाद विश्वविद्यालय के संचालन में होने वाली अनियमितताओं का पर्दाफाश करते हुए इसे भंग करने की राज्य सरकार से गुजारिश की थी।

मेघालय के राज्यपाल सचिवालय ने सीएमजे विश्वविद्यालय और इसके कुलपति चंद्रमोहन झा के खिलाफ छात्रों को फर्जी डिग्री जारी करने के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। ईस्ट जयंतिया हिल्स के जिला पुलिस प्रमुख थमार ने बताया, “हमने मामले की विस्तृत जांच करने के बाद सबूतों के आधार पर मामले दर्ज किए हैं। हमने पीएचडी की थीसिस और अन्य दस्तावेज भी न्यायालय को सबूत के तौर पर सौंपे हैं।” सीएमजे फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित सीएमजे विश्वविद्यालय की स्थापना 2009 में मेघालय विधानसभा में एक विधेयक पारित कर की गई थी। बीते साल जून में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर मेघालय सरकार ने विश्वविद्यालय को भंग करने की सिफारिश का अनुमोदन किया था।

मेघालय सरकार के एक अधिकारी ने बताया, “मेघालय सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर सीएमजे विश्वविद्यालय को भंग कर दिया। इसके अलावा सरकार द्वारा विश्वविद्यालय को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब भी तर्कसंगत नहीं था।” भारतीय राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड ने छात्रों और कर्मचारियों और लोगों से सीएमजे के साथ किसी भी तरह का संबंध न रखने की हिदायत दी है।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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