प्रादेशिक
सीएम अखिलेश यादव के समर्थकों का हंगामा, आत्मदाह का प्रयास
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव द्वारा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी से निकाले जाने के बाद अखिलेश समर्थक जमकर हंगामा कर रहे हैं। एक समर्थक ने आत्मदाह करने का भी प्रयास किया, जिसे हिरासत में ले लिया गया है। मुख्यमंत्री आवास पर सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है। मुलायम ने शुक्रवार शाम को अखिलेश व प्रोफेसर रामगोपाल को पार्टी से निकाले जाने का ऐलान किया। इसके बाद अखिलेश समर्थक सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और उनका पोस्टर फाडक़र अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं।
अखिलेश व रामगोपाल को अनुशासनहीनता के कारण पार्टी से निकाला गया है। इस दौरान विधायकों व नेताओं का मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचना जारी है। लगभग 100 से अधिक विधायक और कई मंत्री मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर पहुंचे।
लखनऊ में शुक्रवार को सपा दो टुकड़ों में बंट गई। अखिलेश यादव और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामगोपाल यादव को छह साल के लिए पार्टी से निकाले जाने के बाद मुख्यमंत्री के प्रशंसक जमकर हंगामा कर रहे हैं।
अखिलेश के नाराज समर्थक में से एक ने आत्मदाह की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने तत्काल मौके से हिरासत में ले लिया। मुख्यमंत्री आवास के बाहर एक समर्थक ने खुद पर केरोसिन डालकर आत्मदाह की कोशिश की है। साथ ही समर्थक ‘शिवपाल यादव चोर है’ जैसे नारे भी लगा रहे हैं।
सभी समर्थक यह मांग कर रहे हैं की शिवपाल यादव को पार्टी से निकाला जाए। साथ ही अखिलेश को वापस पार्टी में लिया जाए। बड़ी संख्या में अखिलेश के और भी समर्थक मुख्यमंत्री आवास के पास पहुंचकर हंगामा कर रहे हैं।
इस बीच अखिलेश की ओर से सपा नेता अतुल प्रधान ने बाहर आकर कार्यकर्ताओं से शांत रहने की अपील की। प्रधान ने कहा कि अखिलेश ने कहा, “नेताजी के खिलाफ कोई भी अपशब्द का प्रयोग नहीं करेगा। आप लोग शांत रहिए। मुख्यमंत्री समय मिलने पर जरूर मिलेंगे।”
मुलायम सिंह ने विधानसभा 2017 के लिए पहले 325 की सूची जारी की थी। इस सूची में अखिलेश के करीबियों का टिकट काट दिया गया था। इसके बाद अखिलेश ने भी बगावती सुर अपनाते हुए गुरुवार की देर रात 235 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी थी। नाटकीय घटनाक्रम में गुरुवार की ही देर रात शिवपाल यादव ने 68 प्रत्याशियों की दूसरी सूची भी जारी कर दी। बगावती सुर अखिलेश पर भारी पड़ गया।
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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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