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प्रादेशिक

सीएम ने विधानसभा में लगाए ठुमके

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शिमला। हिमाचल प्रदेश की विधानसभा में गुरुवार को मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा हंगामा किए जाने के बीच राज्य के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रतिद्वंद्वियों का उपहास उड़ाने का एक नया तरीका ईजाद किया। मुख्यमंत्री ने विपक्षी पार्टी के विधायकों के नारों की लय पर ठुमके लगाना शुरू कर दिया। विधानसभा में मुख्यमंत्री को परंपरागत हिमाचली नृत्य करते देखकर सभी अचंभित हो पड़े।

विधानसभा में विपक्षी पार्टियां उनके खिलाफ नारेबाजी कर रही थीं। यह नारेबाजी भाजपा और मुख्यमंत्री के पुत्र विक्रमादित्य सिंह के नेतृत्व वाली युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच शिमला में हुई झड़प को लेकर हो रही थी। मामला 29 जनवरी का है, जब युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विरोध कर रहे थे। इस पर मुख्यमंत्री विपक्षी पार्टी के विधायकों के नारों की लय पर ठुमके लगाने लगे। उल्लेखनीय है कि पांच दिनों पहले ही मुख्यमंत्री ने अपनी बेटी की शादी की है।

विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने उन पर व्यंग्य कसते हुए कहा, “मुझे पंजाबी आती है और मैं इस बात को लेकर सुनिश्चित हूं कि जल्द ही आपको भी आ जाएगी।” मुख्यमंत्री की छोटी बेटी अपराजिता सिंह का हाल ही में अंगद सिंह से विवाह हुआ है। अंगद सिंह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिदर सिंह के पौत्र हैं। अमरिंदर सिंह का हिमाचल से लंबा रिश्ता रहा है। वह दो पैतृक बागों के मालिक हैं, पहला बाग नारकंडा के पास कंड्याली में स्थित है जबकि दूसरा बाग सोलन जिले में चैल के पास स्थित दोची में है। इन दोनों ही स्थानों पर वे प्राय: छुट्टियां मनाते हुए दिखते हैं। इस दौरान उनके साथ पाकिस्तानी पत्रकार अरूसा आलम भी रहती हैं।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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