मुख्य समाचार
सुनंदा पुष्कर की मौत का रहस्य और गहराया, अब ‘चैट’ के सहारे पुलिस
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय ढंग से हुई हत्या के मामले में एक चिकित्सीय समिति से जांच संबंधित किसी तरह की रिपोर्ट मिलने की बात से शनिवार को इनकार किया। संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की तरफ से की गई जांच के निष्कर्ष की जिम्मेदारी एक चिकित्सकीय समिति को सौंपी गई है।
पुलिस उपायुक्त ईश्वर सिंह ने कहा, “चिकित्सीय समिति से हमें अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।” सिंह ने उस विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व किया था, जिसने सुनंदा पुष्कर के मौत की जांच की थी। कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर का शव 17 जनवरी, 2014 को दिल्ली के एक आलीशान होटल में पाया गया था।
एफबीआई तथा एम्स द्वारा सुनंदा पुष्कर के विसरा की जांच रिपोर्ट पर अंतिम राय देने को लेकर दिल्ली, चंडीगढ़ तथा पुदुच्चेरी के चार चिकित्सकों की एक समिति का गठन किया गया था।
खबरें हैं कि एसआईटी को चिकित्सा समिति की तरफ से दो सप्ताह पहले एक अधूरी रिपोर्ट मिली है। लेकिन सिंह ने इस बात से इनकार करते हुए कहा, “हम चिकित्सा समिति की रिपोर्ट का अभी तक इंतजार कर रहे हैं।”
पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांच समिति भी सुनंदा के ब्लैकबेरी मैसेंजर के ट्रांसक्रिप्ट से जुड़ी जानकारी का इंतजार कर रही है, ताकि जासूसी कहानी की तरह लग रहे इस हत्याकांड के पटाक्षेप की दिशा में कोई सुराग मिल सके।
एम्स की चिकित्सा समिति ने कहा था कि सुनंदा की मौत की वजह जहर है, जिसके बाद फरवरी 2015 में सुनंदा के विसरा के नमूनों को जांच के लिए एफबीआई के वाशिंगटन स्थित प्रयोगशाला में भेजा गया था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनकी मौत की वजह कौन सा जहर है।
एम्स की चिकित्सा समिति ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया था कि सुनंदा की जान किस तरह के जहर से गई थी। एम्स के फॉरेंसिक विभाग के अध्यक्ष सुधीर गुप्ता ने कहा कि पुष्कर मामले में केवल दस्तावेजों की जांच कर अंतिम रिपोर्ट देना संभव नहीं है।
दो अन्य चिकित्सकों के साथ सुनंदा का अंत्यपरीक्षण करने वाले गुप्ता ने कहा, “किसी नई समिति के लिए यह संभव नहीं है कि केवल दस्तावेजों के आधार पर जांच कर वह मामले में अंतिम रिपोर्ट दे दे।” गुप्ता ने किसी अन्य जांच समिति को जांच का जिम्मा देने पर सवाल उठाते हुए कहा, “सुनंदा पुष्कर के शव का अंत्यपरीक्षण कर जब हम पहले ही अपनी अंतिम रिपोर्ट दे चुके थे, फिर इसकी जांच को किसी अन्य समिति को सौंपने का क्या औचित्य बनता है।”
गुप्ता ने कहा, “इससे मामला और उलझ गया है और लोग सुनंदा की मौत के बारे में उलझन में हैं।”
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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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