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सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ से भिड़े जज कर्णन, अवमानना नोटिस का जवाब देने से इन्कार

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सी.एस.कर्णन को अवमानना के नोटिस का जवाब देने के लिए चार सप्ताह का वक्त दिया है, हालांकि उन्होंने कहा है कि वह जवाब नहीं देंगे।

न्यायमूर्ति कर्णन ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर की अध्यक्षता वाली सात न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष जमानती वारंट जारी होने के बाद पेश होने पर कहा था कि वह अवमानना के नोटिस का जवाब देने की स्थिति में तभी होंगे, जब उन्हें न्यायिक तथा प्रशासनिक कार्य करने दिए जाएंगे।

न्यायमूर्ति कर्णन ने अपने कार्यों की बहाली के लिए याचिका दाखिल की थी, जिसे स्वीकार करने से पीठ ने इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने कहा कि कोर्ट उनका बयान दर्ज कर सकता है, क्योंकि वह अगली सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं होंगे और उन्हें अभी दंडित कर ‘जेल भेज’ दिया जाए।

न्यायमूर्ति कर्णन के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही उनके द्वारा प्रधानमंत्री को भेजी चि_ी के आधार पर शुरू की गई है, जिसमें उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के 20 न्यायाधीशों का नाम लेकर उन्हें भ्रष्ट बताया था।

न्यायमूर्ति को जनवरी महीने में नोटिस जारी किया गया था। जैसे ही न्यायमूर्ति ने कहा कि उनकी मानसिक अवस्था अभी नोटिस का जवाब देने की नहीं है, पीठ ने कहा, “अगर आपको लगता है कि आपकी मानसिक दशा नोटिस का जवाब देने लायक नहीं है, तो आप इसके लिए एक चिकित्सा प्रमाण पत्र दीजिए।”

शुरुआत में, न्यायमूर्ति खेहर ने न्यायमूर्ति कर्णन से पूछा था कि क्या वह 20 न्यायाधीशों के खिलाफ अपने आरोपों को दोहराना चाहते हैं या इसके बारे में सोचते हैं या बिना शर्त माफी मांगना चाहते हैं। पीठ ने कर्णन से कहा, “हम आपसे बार-बार पूछ रहे हैं। क्या आप मानते हैं कि आपने जो कुछ भी लिखा है उस पर आप फिर से सोचना चाहते हैं? हम आपको वक्त देंगे।”

न्यायालय कर्णन के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई कर रहा है। सुनवाई के दौरान महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने कहा कि नासमझी का सवाल ही नहीं उठता। रोहतगी ने कहा, “मुझे नहीं लगता है कि यह मामला गैर-इरादतन है। यह आरोपों की पुष्टि करने का मामला है। आप न्यायाधीशों का नाम लेते हैं और जांच के लिए कहते हैं। वह न्यायाधीशों की कटु आलोचना कर रहे हैं। न्यायपालिका पर बरस रहे हैं।’ बाद में न्यायालय के बाहर न्यायमूर्ति कर्णन ने संवाददाताओं से कहा था कि वह पीठ के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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