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सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में किया बदलाव, क्रिकेट अधिकारियों को राहत दी

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Supreme_Court_of_India_-_Central_Wingनई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने का कड़ा फैसला देने वाली देश की सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को अपने एक फैसले में सुधार किया है। अदालत ने अपने उस पुराने फैसले में बदलाव किया है जिसके तहत बीसीसीआई और राज्य संघ दोनों के कार्यकाल को मिलाकर नौ साल तक काम करने वाले व्यक्ति को किसी भी पद को संभालने से वंचित किया गया था।

अदालत ने अपने इस फैसले में सुधार करते हुए कहा है कि अधिकारी बीसीसीआई और राज्य संघ दोनों संस्थाओं में नौ-नौ साल तक पद संभाल सकते हैं।

अदालत ने तीन जनवरी को अपने आदेश में कहा था अधिकारी नौ साल तक ही बीसीसीआई या किसी भी राज्य संघ में पद संभाल सकते हैं। दोनों संस्थाओं के कार्यकाल को मिलकार नौ साल से ज्यादा कार्यकाल वाले अधिकारियों को पद छोडऩा होगा।

इसके अलावा वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रामण्यम और अनिल दिवांस ने न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायाधीश डी.वाई.चन्द्रचूड़ की खंडपीठ को सील बंद लिफाफे में उन नौ नामों की सूची दी जिन्हें बीसीसीआई को चलाने की जिम्मेदारी दी जा सके।

दोनों वकीलों ने अदालत में बीसीसीआई की अंतरिम प्रशासक समिति जो लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने पर अपनी नजर रखेगी उसकी सूची भी दाखिल की। शीर्ष अदालत ने इस सूची को सामने लाने से मना किया है।

अदालत ने हालांकि इस सूची पर सवाल उठाए हैं क्योंकि इस सूची में कुछ नाम ऐसे हैं, जिनकी आयु 70 साल से अधिक है। लोढ़ा समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि 70 साल से अधिक उम्र वाले अधिकारी बीसीसीआई और किसी भी राज्य संघ में पद नहीं संभाल सकते।

पीठ ने कहा है कि वह प्रशासक समिति पर 24 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई में फैसला देगी।

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और बीसीसीआई ने शुक्रवार को अदालत से गुहार लगाई की वह अपने 18 जुलाई को दिए गए आदेश को वापस ले ले जिसमें उसने रेलवे, सर्विसेज और विश्वविद्यालय संघ की पूर्ण सदस्यता को घटा कर इन्हें अस्थायी सदस्यता देने की बात कही थी।

रोहतगी ने साथ ही कहा कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों का फैसला उच्च खंडपीठ को भेज देना चाहिए क्योंकि इसके लिए बड़े पैमाने पर बहस की जरूरत है।

अदालत ने इस साल की शुरुआत में बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को हटाने का आदेश दिया था जिसके बाद बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी बोर्ड का कामकाज देख रहे हैं।

अदालत ने साथ ही ठाकुर पर कोर्ट की अवमानना का केस चलाने के कहा है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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