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सुरक्षा चुनौतियों पर दिल्ली में मंथन करेंगे दुनिया भर के जासूस

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नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| दुनिया के 50 देशों के शीर्ष 150 जासूस दिल्ली में गुरुवार से शुरू होने वाली तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लेंगे। इसमें सभी संपूर्ण सुरक्षा परिदृश्य के समक्ष उत्पन्न हो रही चुनौतियों के साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक और साइबर खतरों से संबंधित विषयों पर मंथन करेंगे। वल्र्ड एसोसियेशन ऑफ डिटेक्टिवस (डब्ल्यूएडी) के बैनर तले आयोजित हो रहे इस 92वें डब्ल्यूएडी सालाना संगोष्ठी की उपयोगिता इसलिए अधिक है क्योंकि भारत से संबंधित महत्वपूर्ण मामलों, जैसे काला धन, नकली मुद्रा का चलन, भ्रष्टाचार निरोधक अभियान के समक्ष उत्पन्न चुनौतियां, साइबर सुरक्षा से उत्पन्न खतरों पर इसमें चर्चा की जाएगी।

ले. जनरल सेवानिवृत्त राजेंद्र सिंह, भूतपूर्व महानिदेशक आयुध, भारतीय सेना और संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के पूर्व कमांडर इस संगोष्ठी का उद्घाटन करेंगे।

इस संगोष्ठी में 150 से ज्यादा पेशेवर वैश्विक जांचकर्ता और जासूस एक साथ एकत्रित होंगे और इस क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के उपायों पर मंथन करेंगे। संगोष्ठी में सुरक्षा, पुलिस, रक्षा, निजी जांचकर्ता, फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय पेशेवर एक साथ इन क्षेत्रों के समक्ष उत्पन्न हो रही वैश्विक चुनौतियों-समस्याओं पर मंथन कर उनसे निपटने का मार्ग तय करेंगे। डब्ल्यूएडी के अध्यक्ष कुंवर विक्रम सिंह ने यह जानकारी दी। कुंवर विक्रम सिंह कौशल विकास मंत्रालय के अंतर्गत सिक्यूरिटी सेक्टर स्कील डवलपमेंट काउंसिल डब्ल्यूएडी के भी प्रमुख हैं।

कुंवर विक्रम सिंह को संगोष्ठी के समापन पर डब्ल्यूएडी के पहले भारतीय चेयरमैन के तौर पर चुना जाएगा। वह इस पद को हासिल करने वाले पहले भारतीय पेशेवर जासूस होंगे।

दिल्ली में आयोजित संगोष्ठी में साइबर सिक्यूरिटी एंड द डार्क वेब, एंटी करप्शन पार्टनरशिप, थ्रेट टू द सिक्यूरिटी इंवायरमेंट एंड रोल ऑफ इंटरपोल, भारत में व्यापार-चुनौती व अवसर जैसे मसलों पर राउंड टेबल चर्चा भी होगी। इस दौरान संबंधित विषय के वैश्विक दक्ष पेशेवर अपने विचार साझा करेंगे।

इस तीन दिवसीय संगोष्ठी के दौरान इसमें शामिल होने वाले वैश्विक जासूस, निजी जांचकर्ता पेशेवर और सुरक्षा पेशेवर, प्रमुख भारतीय मंत्रियों और नौकरशाहों से मिल सकते हैं और भारत के समक्ष उत्पन्न चुनौती और खतरा जैसे आतंकवाद, भ्रष्टाचार, मानव तस्करी और नकली मुद्रा परिचलन पर चर्चा कर सकते हैं।

यह दूसरी बार है जब डब्ल्यूएडी अपनी सालाना बैठक भारत में कर रहा है। इससे पहले वर्ष 1984 में दिल्ली में इसका आयोजन हुआ था। डब्ल्यूएडी अपनी तरह का सबसे बड़ा और दीर्घ संस्थान है जिसमें 80 देशों के श्रमजीवी पेशेवर सुरक्षा पेशेवर, निजी जांचकर्ता और निजी जासूस जुड़े हुए हैं। यह संस्था अपने कार्यक्षेत्र में उच्च मूल्य की वकालत करने के साथ ही उसका अनुपालन भी करती है।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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