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सुशील की तरह कई ओलम्पिक पदक जीतना लक्ष्य : पूजा ढांडा (साक्षात्कार)

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नई दिल्ली, 20 मार्च (आईएएनएस)| हाल ही में ओलम्पिक पदक विजेता अमेरिका की हेलेन लुइस, विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक विजेता नाइजीरिया की ओडुयानो एडेकुरोय और पूर्व राष्ट्रमंडल खेल स्वर्ण पदक विजेता भारत की गीता फोगाट जैसी दिग्गज खिलाड़ियों को मात देकर महिला कुश्ती जगत में सनसनी मचाने वाली हरियाणा की पूजा ढांडा इन सफलताओं के बाद दबाव में नहीं हैं बल्कि वह इसे सकारात्मक तरीके से ले रही हैं और अपने देश के लिए सिर्फ राष्ट्रमंडल खेलों में ही नहीं बल्कि ओलम्पिक में भी कई पदक जीतना चाहती हैं।

पूजा को अगले महीने से आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में शुरू हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती में पदक की बड़ी दावेदार माना जा रहा है। इसका कारण उनका प्रो रेसलिंग लीग (पीडब्ल्यूएल) और फिर राष्ट्रमंडल खेलों की ट्रायल्स में शानदार प्रदर्शन है।

पीडब्ल्यूएल में पंजाब रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए उन्होंने हेलेन, ओडुयानो के अलावा मारवा आमरी को भी मात दी थी। पूजा यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों की ट्रायल्स में देश की सबसे प्रतिष्ठित महिला पहलवानों में से एक गीता फोगट को हरा गोल्ड कोस्ट का टिकट कटाया।

पूजा ने आईएएनएस से फोन पर बातचीत में कहा कि वह यहां रुकने वाली नहीं है और उनका सपना ओलम्पिक में भारत के लिए सिर्फ एक पदक नहीं बल्कि कई पदक जीतना है।

57 किलोग्राम भारवर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पूजा ने कहा, मैं ओलम्पिक पदक लाना चाहती हूं, लेकिन एक बार नहीं, मैं चाहती हूं कि मैं अनेकों बार ओलम्पिक में अपने देश के लिए पदक जीतूं और यही मेरा लक्ष्य है कि मैं ओलम्पिक में जाऊं और अपने देश के लिए पदक जीतूं।

हाल ही में मिली जीतों से उनसे उम्मीदें बढ़ गई हैं, लेकिन पूजा इसे लेकर दबाव में नहीं हैं बल्कि वह सकारात्मक रहते हुए आगे बढ़ना चाहती हैं।

बकौल पूजा, जब आप अच्छा प्रदर्शन करते हो तो आपके जो चाहने वाले हैं उनकी उम्मीदें आपसे बढ़ जाती हैं। यह उम्मीदें होना जायज भी है। मैं इसी को सकारात्मक तरीके से ले रही हूं। मैं अपने देश की उम्मीदों को किसी भी तरह पूरा करना चाहती हूं और भारत के लिए स्वर्ण लाना चाहती हूं, हालांकि थोड़ा बहुत दबाव रहता ही है, लेकिन वो दबाव इतना ज्यादा नहीं है कि उससे प्रदर्शन पर फर्क पड़े।

पूजा को गोल्ड कोस्ट में होने वाले खेलों में स्वर्ण से कम कुछ मंजूर नहीं है और इसी कारण वह अपनी तैयारियों में कुछ भी कमी नहीं छोड़ना चाहती हैं।

उन्होंने कहा, लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर लगा हुआ है और हम यहां तैयारियों में लगे हुए हैं। बहुत बड़ी प्रतियोगिता है जो चार साल में आती है। इस टूर्नामेंट के लिए हमारे लिए कई मायने हैं और इसलिए हम अच्छे से तैयारी कर रहे हैं। साथ ही अपने आप को मानसिक तौर पर तैयार कर रहे हैं। कोई और पदक नहीं भारत के लिए सिर्फ स्वर्ण लेकर आना है। टूर्नामेंट में जिन खिलाड़ी के खिलाफ हमें खेलना है उन पर ध्यान दे रहे हैं। हमारी कमजोरियों को दूर कर रहे हैं। अब समय कम बचा है।

पूजा भलीभांति जानती हैं कि उन्हें अपने खेल में कहां काम करने की जरूरत है। वह कहती हैं, रेसिलंग काफी तेज खेल है और आपको हर पल सर्तक रहना पड़ता है। कोशिश यह रहती है कि हम ज्यादा से ज्यादा अंक लें और अंक देने से बचें। इसके अलावा मेरा लेग डिफेंस कमजोर है उस पर काम कर रही हूं। इन्हीं खामियों को लेकर यहां हमारे कोच काम कर रहे हैं।

ओलम्पिक में दो बार भारत को पदक दिलाने वाले पहलवान सुशील कुमार, पूजा के आदर्श हैं। इस स्टार पहलवान का कहना है कि एक इंसान के लिए सबसे बड़ी बात होती है कि उसका देश उस पर गर्व करे और यही इस खिलाड़ी का सपना भी है।

उन्होंने कहा, सुशील ने दो बार देश के लिए पदक जीता है। वो मेरी प्ररेणा हैं। मैं भी अपने देश के लिए कुछ ऐसा करना चाहती हूं कि मुझे हमेशा याद रखा जाए। कोशिश करूंगी की इस बार ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करते हुए पदक लेकर आऊं और देश को मुझ पर गर्व हो। इससे बड़ी चीज दुनिया में कोई नहीं है कि आपके देश को आपके ऊपर गर्व हो।

आने वाले दिनों में पूजा पर देश भर की नजरें रहेंगी और पूजा भी अपने प्रशंसकों को निराश करने के मूड में नहीं हैं।

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टेनिस : दुबई चैम्पियनशिप में सितसिपास ने मोनफिल्स को हराया

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 दुबई, 1 मार्च (आईएएनएस)| ग्रीस के युवा टेनिस खिलाड़ी स्टेफानोस सितसिपास ने शुक्रवार को दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में फ्रांस के गेल मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया।

  वर्ल्ड नंबर-11 सितसिपास ने वर्ल्ड नंबर-23 मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में 4-6, 7-6 (7-4), 7-6 (7-4) से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।

यह इन दोनों के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले दोनों सोफिया में एक-दूसरे के सामने हुए थे, जहां फ्रांस के खिलाड़ी ने सीधे सेटों में सितसिपास को हराया था। इस बार ग्रीस के खिलाड़ी ने दो घंटे 59 मिनट तक चले मुकाबले को जीत कर मोनफिल्स से हिसाब बराबर कर लिया।

फाइनल में सितसिपास का सामना स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और क्रोएशिया के बोर्ना कोरिक के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। सितसिपास ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर को मात दी थी।

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