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सुषमा ने मानसरोवर यात्रा को दिखाई हरी झंडी

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नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई। यह जत्था नए मार्ग नाथू ला दर्रे से होकर गुजरेगा। दूसरा जत्था भी गुरुवार को रवाना हुआ, लेकिन यह पुराने लिपुलेख दर्रे से होकर गुजरेगा। सुषमा स्वराज ने तीर्थयात्रियों से कहा, “जब पिछली बार मैंने यात्रा को हरी झंडी दिखाई थी, मैंने यह वादा किया था हम अगले साल से तीर्थ यात्रियों के लिए नाथू ला दर्रा खोलेंगे। मुझे खुशी है कि मैंने यह वादा पूरा किया।”

कैलाश मानसरोवर हिंदू देवता शिव का निवास माना जाता है। तीर्थयात्री 19,500 फुट की ऊंचाई तक यात्रा करते हैं। हर साल सैकड़ों लोग यात्रा पर जाते हैं, यह यात्रा चीनी अधिकारियों की निगरानी में होती है। मंत्री ने बताया कि पुराने मार्ग से आठ जत्था रवाना होगा, जबकि नए मार्ग से पांच जत्था रवाना होगा। पुराने मार्ग के प्रत्येक जत्थे में 60 और नए जत्थे में 50 लोग होंगे। भारत-चीन सीमा पर पूर्वी सिक्किम से तिब्बत के सबसे बड़े शहर शिगात्से के बीच नाथू ला मार्ग स्थित है। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीजिंग दौरे पर समझौता हुआ था।

सुषमा ने कहा, “नए मार्ग का हमें दो लाभ है। बुजुर्ग तथा शारीरिक रूप से अक्षम लोग इस मार्ग से वाहन के जरिए यात्रा कर सकते हैं। हम और लोगों को भेज सकते हैं।” नए मार्ग के जरिए यात्री सिक्किम के गैंगटोक से शिगात्से जा सकेंगे, जहां से वे वैन या बस लेकर मानसरोवर और कैलाश जाने वाले मार्ग पर जा सकते हैं। मंत्री ने बताया कि सरकार ने तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के लिए ध्वनि प्रतिक्रिया प्रणाली पेश की है। उन्होंने कहा, “ध्वनि प्रतिक्रिया प्रणाली के जरिए हम तीर्थयात्रियों से और अधिक प्रभावी रूप से संपर्क कर पाएंगे और उनकी समस्याओं पर ध्यान दे सकेंगे।” सुषमा ने तीर्थ यात्रियों के सुरक्षित यात्रा की कामना की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने भी ट्वीट किया, “पवित्र तीर्थयात्रा की शुरुआत हो गई।” पुराने मार्ग के जरिए प्रत्येक यात्री के जाने का खर्च 1.5 लाख रुपये तथा नए मार्ग से 1.7 लाख रुपये है।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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