मुख्य समाचार
सूफी गायिकी के सरताज कैलाश खेर का जन्मदिन आज
मैं आत्महत्या करना चाहता था : कैलाश
मुंबई। बॉलीवुड में सूफी सरताज के नाम से पहचान बनाने वाले कैलाश खेर का आज जन्मदिन है। कैलाश का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में 7 जुलाई 1973 को हुआ।कैलाश ने 4 साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था। उनके पिता कश्मीरी पंडित थे। वह भी लोक गीतों को काफी पसंद किया करते थे।
कैलाश के संगीत के हुनर के बारे में उनके परिवार और दोस्त भी जानते थे। वहीं, कैलाश जैसे-जैसे बड़े होते गए वैसे ही उनके मन में संगीत के लिए और प्यार और भावनाएं जागने लगीं।आपको बता दें कि कैलाश भले ही आज सुरों के सरताज कहे जाते हो, लेकिन उनकी जिंदगी भी कम संघर्षपूर्ण नहीं रही। कैलाश ने खुद एक इंटरव्यू में बताया, ‘‘गायिकी से पहले मैं बिजनेस कर रहा था। एक ऐसा समय था जब मेरे साथ सबकुछ खराब हो रहा था और मेरे पास कुछ भी नहीं बचा था, मैं आत्महत्या करना चाहता था।
आगे उन्होंने कहा, ‘‘जो कुछ भी मैंने आज हासिल किया है उसमें मुंबई के मेरे एक दोस्त और भगवान ने मदद की, इसी वजह से मेरा गाना ‘अल्लाह के वंदे’ मुमकिन हुआ और इसके बाद मेरा पूरा जीवन बदल गया। जीवन में इतने सारे मुसीबतों के बाद मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं फिर से एक अच्छी जिंदगी बिता सकूंगा।आपको बता दें कि कैलाश ने हिंदी में 500 से ज्यादा गाने गाए हैं। इसके अलावा वो नेपाली,तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, बंगाली, उड़िया और उर्दू भाषा में भी गाने गाए हैं।कैलाश का एक बैंड भी है ‘कैलासा’। इसके बैनर तले कैलाश अब तक चार एलबम रिलीज कर चुके हैं। कैलासा (2006), झूमो रे (2007), चांदन में (2009) और रंगीले (2012)।
मुंबई के संगीतकार भाई नरेश और परेश कामत इस बैंड में कैलाश के साथ हैं। ये दोनों पहले ‘बॉम्बे ब्लैक’ बैंड से जुड़े हुए थे। हाल ही में कैलाश खेर ने अपना नया गाना भोले चले रिलीज किया है, जिसको ‘कैलासा स्टूडियो’ की ओर से ही तैयार किया गया है। कैलाश ने हिंदी में 500 से ज्यादा गाने गाए हैं। उन्होंने नेपाली, तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, बंगाली, उड़िया और उर्दू भाषा में भी गाने गाए हैं। कैलाश को फिल्मफेयर का बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड भी मिल चुका है।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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