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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में मामूली तेजी

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मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में नगण्य तेजी दर्ज की गई। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 0.08 फीसदी या 21.16 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 27,371.84 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.01 फीसदी या 1.10 अंकों की तेजी के साथ 8,225.20 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 16 में पिछले सप्ताह तेजी रही। भेल (4.80 फीसदी), एचडीएफसी (4.19 फीसदी), ओएनजीसी (3.67 फीसदी), इंफोसिस (3.24 फीसदी) और कोल इंडिया (3.07 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स में गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे आईटीसी (6.61 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (5.42 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (5.41 फीसदी), सन फार्मा (3.89 फीसदी) और सिप्ला (3.48 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में हालांकि एक फीसदी से अधिक गिरावट रही। मिडकैप 1.07 फीसदी या 108.19 अंकों की गिरावट के साथ 10,000.41 पर और स्मॉलकैप 1.32 फीसदी या 146.27 अंकों की गिरावट के साथ 10,922.21 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में वृद्धि किए जाने की आशंका और तेल मूल्य में गिरावट से आर्थिक माहौल में व्याप्त निराशा के कारण बाजार में सोमवार, मंगलवार और बुधवार को गिरावट दर्ज की गई।

मंगलवार और बुधवार को फेड की नीति निर्मात्री समिति फेडरल ओपेन मार्केट समिति की हुई दो दिवसीय बैठक में ब्याज दर बढ़ाने को लेकर किसी शीघ्रता में नहीं होने की घोषणा की गई, जिसका मतलब बाजार ने यह समझा कि 2015 के मध्य तक दर नहीं बढ़ेगी। इससे पूरी दुनिया में शेयर बाजार में आई तेजी के बीच भारतीय शेयर बाजार में भी गुरुवार और शुक्रवार को तेजी देखी गई।

सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश की थोक महंगाई दर नवंबर में शून्य फीसदी रही, जो एक महीने पहले 1.77 फीसदी थी। अप्रैल-नवंबर अवधि में यह दर 0.67 फीसदी थी, जो एक साल पहले समान अवधि में 6.70 फीसदी थी।

एक अन्य आंकड़े के मुताबिक, नवंबर में उपभोक्ता महंगाई दर 4.4 फीसदी रही, जो अक्टूबर में 5.5 फीसदी थी।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के ताजा आंकड़े के अनुसार, देश का औद्योगिक उत्पादन अक्टूबर में 4.2 फीसदी घट गया, जो सितंबर में 2.8 फीसदी (संशोधित) अधिक रहा था।

शुक्रवार को केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को प्रभावी बनाने के लिए संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया। इस विधेयक के पारित होने के बाद पूरा देश एक समग्र बाजार में परिणत हो जाएगा और कंपनियों को कारोबार का विस्तार करने की सुविधा हासिल हो जाएगी। इससे आपूर्ति श्रंखला मजबूत होगी और महंगाई कम होगी।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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