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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में मामूली गिरावट

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मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में मामूली गिरावट दर्ज की गई। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 0.48 फीसदी या 130.06 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 27,241.78 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.30 फीसदी या 24.5 अंकों की गिरावट के साथ 8,200.70 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह गुरुवार 25 दिसंबर को क्रिसमस के मौके पर शेयर बाजार बंद रहे।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 12 शेयरों में पिछले सप्ताह तेजी रही। भारती एयरटेल (3.38 फीसदी), एनटीपीसी (2.84 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (2.67 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (1.12 फीसदी) और हीरो मोटोकॉर्प (1.11 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स में गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (3.46 फीसदी), एलएंडटी (2.77 फीसदी), भेल (2.74 फीसदी), टाटा पावर (2.64 फीसदी) और इंफोसिस (2.58 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में हालांकि मिला जुला रुख रहा। मिडकैप 1.15 फीसदी या 115.44 अंकों की तेजी के साथ 10,115.85 पर और स्मॉलकैप 0.25 फीसदी या 27.32 अंकों की गिरावट के साथ 10,894.89 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई एक बैठक में कोयला ब्लॉक नीलामी और बीमा क्षेत्र में सुधार के लिए अध्यादेश जारी करने का फैसला किया गया और अध्यादेश पर शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हस्ताक्षर भी कर दिया। अध्यादेश छह महीने तक प्रभावी रहेगा और इस बीच इसे संसद से पारित करा लेने से यह कानून बन जाएगा।

जम्मू एवं कश्मीर और झारखंड विधानसभा के चुनाव परिणाम मंगलवार 23 दिसम्बर को घोषित हुए। जम्मू एवं कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को सर्वाधिक 28 सीटें मिलीं और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 25 सीटें मिली। किसी भी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं हो पाने के कारण राज्य में सभी तरह के विकल्प खुले हुए हैं।

झारखंड में भाजपा को सर्वाधिक 37 और उसकी साझीदार ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) को पांच सीटें मिली, जिसके कारण भाजपा-आजसू गठबंधन को झारखंड के 81 सदस्यी विधानसभा में साधारण बहुमत हासिल हो गया।

वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका में मंगलवार को जारी आंकड़े के मुताबिक तीसरी तिमाही में अमेरिका की सालाना आधार पर विकास दर पांच फीसदी रही, जो गत 11 वर्षो में सर्वाधिक है। दूसरी तिमाही में अमेरिका की विकास दर 3.9 फीसदी थी।

शानदान विकास दर के कारण निवेशकों ने यह माना कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा जल्दी ही ब्याज दर बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है। इसके कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली का रास्ता अपनाया, जिससे बाजार में गिरावट देखने को मिली।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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