Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 1 फीसदी से अधिक गिरावट

Published

on

Sensex-Down

Loading

मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में करीब एक फीसदी गिरावट दर्ज की गई। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 0.85 फीसदी या 242.22 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 28,261.08 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.89 फीसदी या 76.85 अंकों की गिरावट के साथ 8,570.90 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से पिछले सप्ताह 12 में तेजी रही। विप्रो (2.25 फीसदी), इंफोसिस (1.92 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (1.64 फीसदी), सन फार्मा (1.48 फीसदी) और एचडीएफसी बैंक (1.18 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे एनटीपीसी (8.81 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (4.73 फीसदी), भारती एयरटेल (4.51 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (4.40 फीसदी) और सेसा स्टरलाईट (3.73 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में सेंसेक्स से अधिक गिरावट रही। मिडकैप 1.57 फीसदी या 169.6 अंकों की गिरावट के साथ 10,625.28 पर और स्मॉलकैप 3.12 फीसदी या 349.81 अंकों की गिरावट के साथ 10,859.75 पर बंद हुआ। शुक्रवार को राज्यसभा में खदान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) संशोधन विधेयक-2015 पारित हो गया, जिसमें विभिन्न खनिजों के खदानों की नीलामी का प्रावधान है, ताकि खदानों के आवंटन में पारदर्शिता बढ़ाई जा सके। राज्यसभा में विधेयक में संशोधन किए जाने के कारण अब इस विधेयक पर दोबारा लोकसभा में विचार होगा, जिसने पहले ही इसके मूल रूप को पारित कर दिया है। इसके साथ ही बजट सत्र के पहले हिस्सा का समापन हो गया और अब एक महीने बाद दूसरा हिस्सा फिर से शुरू होगा।

सोमवार को जारी सरकारी आंकड़े के मुताबिक थोक महंगाई दर फरवरी 2015 में नकारात्मक 2.06 फीसदी रही, जो जनवरी में नकारात्मक 0.39 फीसदी थी। अप्रैल-फरवरी 2014-15 के लिए थोक महंगाई दर नकारात्मक 2.5 फीसदी रही, जो एक साल पहले समान अवधि में 5.53 फीसदी थी। वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका के फेडरल रिजर्व की नीति निर्मात्री समिति ने बुधवार 18 मार्च को अपनी दो दिवसीय बैठक के आखिर में नीतिगत दर बढ़ाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया हालांकि आर्थिक विकास की गति और महंगाई के पूर्वानुमान में कुछ कटौती की। बैंक ने अपने बयान में एक शब्द ‘धीरज’ को हटा दिया, जिससे निवेशकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि बैंक किसी भी वक्त ब्याज दर बढ़ाने के लिए पहे से अधिक स्वतंत्र है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending