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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 1 फीसदी से अधिक तेजी

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मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह एक फीसदी से अधिक तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 1.01 फीसदी यानी 257.96 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 25,868.49 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 1.21 फीसदी यानी 94.3 अंकों की तेजी के साथ 7,856.55 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 20 में तेजी रही। गेल (23.84 फीसदी), वेदांता (6.76 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (5.29 फीसदी), आईटीसी (4.54 फीसदी) और सिप्ला (4.42 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे एक्सिस बैंक (5.09 फीसदी), इंफोसिस (4.32 फीसदी), सन फार्मा (2.06 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (1.81 फीसदी) और कोल इंडिया (1.27 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी करीब एक फीसदी तेजी रही। मिडकैप 1.92 फीसदी या 204.93 अंकों की तेजी के साथ 10,858.41 पर और स्मॉलकैप 2.18 फीसदी या 242.27 अंकों की तेजी के साथ 11,367.71 पर बंद हुआ।

सोमवार 16 नवंबर को जारी सरकारी आंकड़े के मुताबिक अक्टूबर महीने में देश का निर्यात 17.50 फीसदी घटकर 21.35 अरब डॉलर रहा, जो लगातार सातवें महीने की गिरावट है। आयात भी 21.20 फीसदी गिरावट के साथ 31.12 अरब डॉलर रहा। व्यापार घाटा इस बीच 28.1 फीसदी घटकर 9.77 अरब डॉलर रहा, जो अक्टूबर 2014 में 14.47 अरब डॉलर था।

सोमवार के ही एक अन्य आंकड़े के मुताबिक देश की थोक महंगाई दर अक्टूबर 2015 में नकारात्मक 3.81 फीसदी रही, जो सितंबर में नकारात्मक 4.54 फीसदी थी और अक्टूबर 2014 में 1.66 फीसदी थी।

सातवें वेतन आयोग ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट जमा कर दी, जिसमें आयोग ने करीब 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 55 लाख पेंशन भोगियों के लिए वेतन, भत्ते और पेंशन में 23.55 फीसदी वृद्धि की सिफारिश की है। यदि सरकार इसे स्वीकार करती है, तो यह एक जनवरी 2016 से प्रभावी हो जाएगी। इससे 2016-17 में सरकार का खर्च 1.02 लाख करोड़ बढ़ जाएगा।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की गत महीने हुई मौद्रिक समीक्षा बैठक के गत सप्ताह जारी ब्यौरे के मुताबिक दिसंबर महीने में दर में वृद्धि करने के लिए आर्थिक स्थिति बेहतर रहने की संभावना है। फेड ने 2008 से अपनी दर लगभ शून्य फीसदी रखी हुई है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 रुपये के बदले देना पड़ेगा 35,453 रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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