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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 3.5 फीसदी गिरावट

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मुंबई देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 3.50 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 3.53 फीसदी या 1004.16 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 27,437.94 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 3.49 फीसदी या 300.75 अंकों की गिरावट के साथ 8,305.25 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से पिछले सप्ताह दो में तेजी रही, जिसमें शामिल रहे टाटा स्टील (7.03 फीसदी) और टीसीएस (0.84 फीसदी)।

सेंसेक्स में 28 शेयरों में गिरावट रही, जिनमें प्रमुख रहे विप्रो (10.82 फीसदी), सन फार्मा (8.63 फीसदी), इंफोसिस (8.51 फीसदी), सिप्ला (6.25 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (6.12 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तीन से पांच फीसदी गिरावट रही। मिडकैप 3.12 फीसदी या 336.13 अंकों की गिरावट के साथ 10,435.64 पर और स्मॉलकैप 5.28 फीसदी या 613.61 अंकों की गिरावट के साथ 11,008.62 पर बंद हुआ।

अन्य कारकों के अलावा भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी जून-सितंबर दक्षिण-पश्चिम मानसून सत्र में बारिश कम रहने के अनुमान ने बाजार की गिरावट में प्रमुख भूमिका निभाई। मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार 22 अप्रैल को कहा कि आगामी सत्र में मानसूनी बारिश दीर्घावधि औसत का 93 फीसदी रहने का अनुमान है और इस अनुमान में पांच फीसदी कम या अधिक की चूक की गुंजाइश है। बारिश के दीर्घावधि औसत का 90-96 फीसदी रहने पर इसे कमजोर मानसून माना जाता है।

विभाग मानसून के दूसरे चरण का अनुमान जून 2015 में जारी करेगा।

शुक्रवार 17 अप्रैल को बाजार बंद होने के बाद जारी आंकड़े के मुताबिक देश का वस्तु निर्यात मार्च 2015 में 21.06 फीसदी घटकर 2395.116 करोड़ डॉलर रहा, जबकि आयात 13.44 फीसदी घटकर 3574.468 करोड़ डॉलर रहा।

 

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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