बिजनेस
सोने के आयात में आई 24 फीसदी की कमी
देश में बीते वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 11 महीनों के दौरान सोने के आयात में 24 फीसद की कमी आई। अप्रैल-फरवरी की अवधि में आयात का यह आंकड़ा 23.22 अरब डॉलर रह गया। इससे चालू खाते के घाट पर अंकुश रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2015-16 की समान अवधि में कुल सोना आयात 30.71 अरब डॉलर रहा था।
बीते दिन राष्ट्रीय राजधानी के सराफा बाजार में सोना 29 हजार 300 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ था। अगर मात्रा के लिहाज से तो बीते वित्त वर्ष के पहले दस महीनों में 560.32 टन सोना आयात किया गया। वर्ष 2015-16 के दौरान यह आंकड़ा 968 टन था। भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है।
यह आयात मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए किया जाता है। फिलहाल विदेश से सोना मंगाने पर 10 फीसद का आयात शुल्क लगता है। ज्वैलरी इंडस्ट्री और वाणिज्य मंत्रालय लगातार इस शुल्क को हटाने की मांग कर रहे हैं।
सोने के आयात में गिरावट के कारण बीते वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों के दौरान व्यापार घाटा घटकर 95.2 अरब डॉलर रह गया। इससे पूर्व वर्ष की समान अवधि में यह 114.3 अरब डॉलर था। हालांकि वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मासिक आधार पर देखें तो सोने का आयात फरवरी में बढ़कर 3.48 अरब डॉलर हो गया।
बीते वित्त वर्ष के समान माह में यह आंकड़ा 1.4 अरब डॉलर था। वित्त वर्ष 2015-16 में चालू खाते का घाटा 22.1 अरब डॉलर था। यह आंकड़ा देश के सकल घरेलू उत्पाद का 1.1 फीसद बैठता है। इससे पिछले वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा 1.3 फीसद रहा था।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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