प्रादेशिक
सोपोर हत्याकांड हिजबुल से अलग हुए गुट की करतूत : पुलिस
श्रीनगर | जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को कहा कि सोपोर कस्बे में पिछले दिनों पूर्व आतंकवादियों की हत्या का जिम्मेदार हिजबुल मुजाहिद्दीन से टूट कर बना अलगाववादी आतंकवादी गुट है। पुलिस उप महानिरीक्षक (उत्तरी कश्मीर) गरीब दास ने बताया, “ये वही लोग हैं, जिन्होंने पहले सोपोर और आसपास के क्षेत्रों में दूरसंचार व्यवस्था बाधित करने की कोशिश की थी।”
उन्होंने बताया, “लश्कर-ए-इस्लाम, हिजबुल मुजाहिद्दीन से टूट कर बना गुट है और हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि पूर्व आतंकवादियों की हत्या इसी गुट ने करवाई है।” दास ने कहा, “ये हत्याएं प्रतिहिंसा का परिणाम हैं।” दास ने बताया कि पुसिल ने सोपोर में लश्कर-ए-इस्लाम द्वारा दूरसंचार व्यवस्था ठप करने की धमकी को निष्प्रभावी करने में सफलता पाई थी और अब सोपोर में पूर्व आतंकवादियों की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार कर उनका पर्दाफाश करने के लिए प्रयासरत है। सोपोर के मुंदजी इलाके में अज्ञात बंदूकधारियों ने सोमवार को एजाज अहमद रेशी की हत्या कर दी, इससे पहले भी सोपोर में तीन और पूर्व आतंकवादियों की हत्या हो चुकी है। रेशी किसी समय हरकत-उल-मुजाहिद्दीन गुट का आतंकवादी था।
मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने सुरक्षा बलों को इन हत्याओं के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि पूर्व आतंकवादियों की रहस्यमयी हत्या की घटनाओं ने जम्मू एवं कश्मीर में वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं को एक-दूसरे के करीब लाने का काम किया है। कट्टरपंथी हुर्रियत गुट के प्रमुख सैयद अली गिलानी, उदारवादी अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक, जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख मुहम्मद यासीन मलिक और डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के प्रमुख शब्बीर शाह ने पुराना श्रीनगर स्थित जामिया मस्जिद में सोमवार को बैठक की और हत्याओं के लिए चिंता जाहिर करते हुए संयुक्त रणनीति बनाने की बात की। अलगाववादी नेताओं ने हत्या की घटनाओं के विरोध में बुधवार को बंद और शुक्रवार को सोपोर में प्रदर्शन रैली की घोषणा की है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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