Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

‘सोशल नेटवर्किंग’ राजनीति बिहार का दुर्भाग्य : तारिक अनवर

Published

on

Loading

मनोज पाठक

पटना। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महासचिव और सांसद तारिक अनवर ने कहा कि बिहार का दुर्भाग्य है कि यहां ‘सोशल नेटवर्किंग’ की राजनीति होती है। अगर बिहार में भी विकास मुद्दा रहे, तो बिहार आगे बढ़ेगा।

बिहार विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी गठबंधन में सीट बंटवारे में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से गठबंधन से अलग हो चुकी राकांपा के नेता अनवर ने विशेष बातचीत में कहा, “राकांपा बिहार चुनाव में तीसरे मोर्चे के विकल्प को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) से बात कर रही है। दो-तीन दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।” अन्य दलों को तीसरे मार्चे में रखने के बारे में अनवर ने कहा कि सभी सामान्य विचारधाराओं वाली पार्टियों को इस मोर्चे में सम्मान के साथ रखा जाएगा। अनवर ने साथ ही कहा कि राकांपा बिहार में सभी सीटों पर अकेले भी चुनाव लड़ने को तैयार है।

अनवर कहते हैं कि बिहार में आज तक किसी भी पार्टी ने न तो विकास को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा है और न ही उनके पास बिहार के विकास को लेकर कोई कार्य योजना है। उन्होंने कहा, “सभी दल विकास की बात तो कर रहे हैं, परंतु सभी जातिवाद को ही सीढ़ी बनाकर मंजिल तक पहुंचना चाहते हैं या आगे बढ़ना चाहते हैं। जातिवाद से पार्टियां चुनाव भले ही जीत जाएं, परंतु इससे किसी भी क्षेत्र का विकास नहीं हो सकता। अब यह बात लोग भी जान गए हैं।”

उन्होंने कहा कि वोट बैंक के नाम पर बिहार के लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांट दिया गया है, जो सही नहीं है। राजनीति में ऐसे लोगों का विरोध होना चाहिए। अनवर के मुताबिक, धर्म के नाम पर कट्टरपन तो और भी गलत है। जनता दल (युनाइटेड), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) गठबंधन से नाता तोड़ देने के प्रश्न पर कटिहार के सांसद स्पष्ट कहते हैं कि सीट बंटवारे को लेकर लालू और नीतीश ने ‘मिनिमम कर्ट्सी’ का भी पालन नहीं किया। दोनों ने आपस में ही सीट का बंटवारा कर लिया।

अनवर के मुताबिक, “जनता परिवार गठबंधन की रूपरेखा तैयार करने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को भी इसकी सूचना नहीं दी गई थी। ऐसे में महागठबंधन में रहने का प्रश्न ही नहीं था।” लालू-नीतीश के गठबंधन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए 25 वर्ष काफी होते हैं और इन दोनों ने बिहार में 25 वर्ष सरकार चलाई है। इन्हें इन 25 वषरें का हिसाब देना चाहिए।

बिहार में परिवर्तन की बात करते हुए अनवर ने कहा कि इस चुनाव में मतदाताओं के पास तीसरे विकल्प के रूप में राकांपा और सपा का गठबंधन होगा। बिहार के लोग परिवर्तन के मूड में हैं और उन्हें विकल्प की तलाश है। तीसरा मोर्चा इस विकल्प को पूरा करेगा। वामपंथी दलों द्वारा मोर्चा बनाए जाने के प्रश्न पर अनवर ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने की छूट है, फैसला जनता का है कि वह किसे पसंद करे।

कांग्रेस के महागठबंधन में शामिल होने के विषय में अनवर कहते हैं, “कांग्रेस का जनाधार बिहार में लगातार घटा है। ऐसे में उसके लिए 40 सीटें काफी हैं।” उन्होंने बिहार के विकास के लिए कार्ययोजना बनाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि राकांपा बिहार के विकास के लिए जो संभव होगा करेगी।

IANS News

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया की तारीफ

Published

on

Loading

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान वीरवार को मोहाली के डेराबस्सी के मुबारिकपुर में आयोजित जैन भगवती दीक्षा महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे थे। यह कार्यक्रम जैन समुदाय की तरफ से आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि राज्य सरकार महान गुरुओं, संतों, ऋषियों, पैगंबरों और शहीदों के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए जनता के कल्याण और राज्य के विकास के लिए कार्य कर रही है। कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और उनकी पत्नी भी मौजूद रहीं।

मुख्यमंत्री ने पंजाब के राज्यपाल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पंजाब के गर्वनर गुलाब चंद कटारिया ने जब से प्रदेश के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक का कार्यभार संभाला है, तब से प्रदेश में बहुत अच्छी तरह से सरकार चल रही है और चंडीगढ़ प्रशासन भी चल रहा है। राज्यपाल काफी तजुर्बे वाले इंसान हैं। इसलिए वह ‘ मेकर भी हैं और उनके पास बहुत अनुभव है। क्योंकि राज्यपाल महोदय केंद्र में मंत्री रहे हैं, राजस्थान की राजनीति में उनका लंबा अनुभव है, एमपी और एमएलए भी रहे हैं। सीएम मान ने कहा कि राज्यपाल के तजुर्बे का मुझे भी फायदा मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह विभिन्न प्रकार के फूलों की विविधता आंखों को सुखद अनुभव देती है, उसी तरह हर समाज में हर धर्म का शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार इस महान उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में सामुदायिक सद्भाव को मजबूत करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

Continue Reading

Trending