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प्रादेशिक

स्कूलों की गुणवत्ता सुधारेगी यूपी सरकार : सीएम अखिलेश

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Akhilesh yadav schoolलखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उप्र में शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों की संख्या भी सर्वाधिक है। आने वाले समय में राज्य सरकार निजी एवं सरकारी विद्यालयों का पाठ्यक्रम समान करेगी राजकीय विद्यालयों की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने का प्रयास करेगी।

उन्होंने कहा कि समाजवादी हमेशा गरीब एवं अमीर बच्चों की समान शिक्षा के हिमायती रहे हैं। इसीलिए वर्तमान राज्य सरकार ने भी शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री रविवार को लोक भवन में विश्व बाल दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों के कल्याण के लिए कई योजनाओं का लोकार्पण करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। शिक्षा के अधिकार कानून के तहत निजी विद्यालयों में पढऩे वाले गरीब बच्चों को यूनिफॉर्म एवं पुस्तकों के लिए प्रति छात्र 5,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की योजना की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने 10 बच्चों को प्रतीक के रूप में चेक वितरित किए।

इस योजना के तहत 17,000 से भी अधिक बच्चों को लाभ मिलेगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार द्वारा योजना पर आठ करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन बच्चों की फीस पहले ही माफ हो चुकी है। साथ ही मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ भी किया, जिस पर शिक्षा के अधिकार कानून के तहत दाखिला पाने वाले आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए उपलब्ध सीटें एवं राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की जानकारी एक जनवरी, 2017 से मिल सकेगी।

अगले सत्र से इसी पोर्टल के माध्यम से इन बच्चों को प्रवेश देने की व्यवस्था भी की जाएगी। इसी प्रकार कक्षा आठ तक के राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों को नि:शुल्क स्कूल बैग उपलब्ध कराने की योजना के तहत 10 छात्र-छात्राओं को प्रतीक के रूप में स्कूल बैग का वितरण भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।

उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बिना अतिरिक्त लागत के नवाचार को बढ़ावा देने वाले 30 सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को भी सम्मानित किया। इसके साथ ही, भारत अभ्युदय फाउंडेशन एवं प्रदेश सरकार द्वारा तैयार की गई ‘शिक्षा का अधिकार रिपोर्ट’ एवं श्री ऑरबिंदो सोसाइटी द्वारा तैयार की गई ‘वार्षिक नवाचार पुस्तिका’ का विमोचन भी किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के सभी विकसित राष्ट्रों ने सबसे पहले अपनी प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का काम किया। विकासशील अर्थव्यवस्था होने के नाते यहां शिक्षा के क्षेत्र में क्रमश: बुनियादी सुविधाओं को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर स्थानीय निवासियों एवं अध्यापकों के व्यक्तिगत प्रयासों से अभिनव प्रयोग किए गए। लेकिन अभी शिक्षा के क्षेत्र में पर्याप्त सुविधाओं के लिए काफी प्रयास किया जाना बाकी है। शिक्षा व्यवस्था को अधिकारियों के मकडज़ाल से मुक्त कराकर अध्यापकों को स्वतंत्र रूप से काम करने का मौका दिया जाएगा।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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