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बिजनेस

स्नैपडील ने फ्रीचार्ज का अधिग्रहण किया

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बेंगलुरू| ऑनलाइन खुदरा खरीदारी की सुविधा मुहैया कराने वाली देश की अग्रणी कंपनी स्नैपडील ने बुधवार को मोबाइल से जुड़े लेन-देन करने वाली वेबसाइट ‘फ्रीचार्ज’ का अधिग्रहण करने की घोषणा की। इस करार के पीछे स्नैपडील की निगाह मोबाइल के जरिए होने वाली खरीदारी के बाजार में अपने पांव पसारने की है। यह अधिग्रहण नकदी और शेयरों के रूप में हुआ है, हालांकि स्नैपडील ने करार की राशि का खुलासा नहीं किया है। स्नैपडील के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी कुणाल बहल ने पत्रकारों को बताया कि अधिकांश लेन-देन नकदी में हुआ है। कुणाल ने कहा, “निजी कंपनी के तौर पर हम करार राशि का खुलासा नहीं कर रहे, हालांकि अधिकांश भुगतान नकद ही हुआ है, जबकि शेष राशि शेयरों के रूप में अदा की गई।”

नई दिल्ली से पांच वर्ष पहले शुरू हुई स्नैपडील ने 2011 से छह चरणों में एक अरब डॉलर (6,226 करोड़ रुपये) का वित्त इकट्ठा किया और अब कंपनी में निवेश करने वालों में सॉफ्टबैंक, ब्लैकरॉक, टेमासेक, ईबे, प्रेमजी इनवेस्ट, इंटेल कैपिटल, बैसेमेर वेंचर पार्टनर्स जैसी बड़ी निवेशक कंपनियां हैं जबकि रतन टाटा और टाटा समूह जैसे दिग्गज निजी निवेशक भी हैं। मोबाइल, डीटीएच के बिलों का भुगतान करने एवं अन्य मोबाइल से जुड़े लेन-देन की सुविधा मुहैया कराने वाली कंपनी फ्रीचार्ज ने पिछले चार वर्षो में सेक्वीया कैपिटल, रू नेट, सोफिना, वालियान कैपिटल एवं टाइबोर्न जैसे निवेशक संस्थानों से 12 करोड़ डॉलर का निवेश इकट्ठा किया।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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