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IANS News

स्पेन को इनिएस्ता का सही इस्तेमाल करना होगा : हबास

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कोलकाता, 5 जून (आईएएनएस)| स्पेन को अगर रूस में होने वाले फीफा विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करना है, तो उसे अपने दिग्गज मिडफील्डर आंद्रेस इनिएस्ता को सही तरीके से इस्तेमाल करना होगा, ताकि वह पूरी प्रतियोगिता के दौरान अपने उच्च स्तर पर बरकरार रह सके। स्पेन के निवासी और फुटबाल रणनीतिज्ञ एंटोनियो हबास ने यह बात कही।

इस विश्व कप टूर्नामेंट के बाद 34 वर्षीय इनिएस्ता अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल जगत से संन्यास ले सकते हैं।

स्पेन के दिग्गज मिडफील्डर पिछले माह बार्सिलोना क्लब से अलग हो गए। उन्होंने 16 सीजन तक स्पेनिश क्लब का प्रतिनिधित्व किया था।

पिछले माह मीडिया को दिए बयान में इनिएस्ता ने कहा था, अगर कुछ अलग नहीं हुआ, तो यह विश्व कप स्पेन की राष्ट्रीय टीम के साथ मेरा आखिरी विश्व कप होगा।

रियल मेड्रिड और लीवरपूल के पूर्व मुख्य कोच राफेल बेनिट्ज के सहायक के रूप में काम कर चुके हबास का मानना है कि स्पेन के मुख्य कोच जुलेन लोपेटेगुई इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए कि इनिएस्ता इस टूर्नामेंट के दौरान अधिक मेहनत न करनी पड़े।

हबास ने अपने गृहनगर मेड्रिड से आईएएनएस को फोन पर कहा, इस साल इनिएस्ता ने काफी मैच खेले हैं।

उन्होंने कहा, लोपेटेगुई को इनिएस्ता के इस्तेमाल के दौरान थोड़ा संभलकर रहना चाहिए। उन्हें नियमित रूप से आराम का समय मिलता रहे, ताकि उनका प्रदर्शन टूर्नामेंट के समापन तक संतुलित रहे।

इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के दूसरे सीजन में एटीके को सेमीफाइनल तक ले जाने वाले हबास ने कहा कि 2010 विश्व कप विजेता खिलाड़ियों के पास तकनीकी और रणनीतिक रूप से खेलने की क्षमता है और यह बड़ा अंतर खड़ा कर सकते हैं।

इनिएस्ता ने अचानक से ही 2010 में नीदरलैंड्स के खिलाफ फाइनल मैच में अहम गोल किया था। इस गोल से स्पेन ने खिताबी जीत हासिल की थी।

हबास ने कहा, स्पेन इस टूर्नामेंट खिताब की प्रबल दावेदार है। उसका रणनीतिक और तकनीकी स्तर बेहतरीन है। इसके अलावा, इसके पास काफी प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी हैं।

उन्होंने कहा, विश्व कप में कई अन्य टीमें ऐसी भी हैं, जिनके इसी स्थिति में हैं और वे भी विश्व कप जीत सकती हैं। इसमें ब्राजील, अर्जेटीना, जर्मनी तथा कुछ अन्य टीमें हैं।

इस विश्व कप में स्टार खिलाड़ी लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे खिलाड़ियों को भी आखिरी बार खेलते हुए देखा जा सकता है। दोनों खिलाड़ी ही पूरी तरह से फिट हैं।

हबास ने कहा कि उन्हें मेसी और रोनाल्डो को टीम के अन्य साथी खिलाड़ियों की जरूरत भी होगी।

उन्होंने कहा, नेमार के अलावा, मेसी और रोनाल्डो विश्व के बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं। इन खिलाड़ियों को हालांकि, समर्थन के लिए अच्छे खिलाड़ियों और टीमों की जरूरत है। इससे उनका खेल संतुलित रहेगा। यह टूर्नामेंट एक टीम का खेल है ऐसे में किसी एक खिलाड़ी के लिए बड़ा जादू करना आसान नहीं होगा।

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वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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