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प्रादेशिक

स्वाइन फ्लू की जांच के लिए किट तैयार

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जानलेवा स्वाइन फ्लू वायरस की जांच की दिशा में बड़ी कामयाबी मिली है। स्वाइन फ्लू से भारत में लगभग 2,000 लोगों की मौत हो गई है। देश के प्रमुख सैन्य अनुसंधान केंद्र ने एक ऐसी किट तैयार की है, जिससे घंटों में इस संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि स्वाइन फ्लू वायरस की जांच करने के मौजूदा जांच प्रणाली दो से तीन दिनों का समय लेती है, जबकि इस नई किट से दो से तीन घंटे में परिणाम मिल जाएंगे।

ग्वालियर के रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (डीआरडीई) द्वारा तैयार की गई यह पद्धति भी किफायती होगी। इसकी कीमत 30 डॉलर यानी लगभग 2,000 रुपये के आसपास होने की उम्मीद है, जबकि मौजूदा जांच पद्धति की कीमत 4,500 से 10,000 रुपये के बीच है।

इस नई जांच प्रणाली से परिचित डीआरडीओ के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, “पारंपरिक पहचान तरीकों में किसी भी प्रतिरोधी की जांच में समय लगता है, लेकिन इस उपकरण पद्धति में जीन संवर्धन विधि का इस्तेमाल होता है।”

देश में रक्षा अनुसंधान में अग्रणी डीआरडीओ का ध्यान भविष्य में रसायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी और परमाणु (सीबीआरएन) के इस्तेमाल से जांच को बढ़ाना है।

अधिकारी ने कहा, “जैविक उपकरण के इस्तेमाल के संदर्भ में इससे निपटने का पहला कदम जांच है।”

यह पूछे जाने पर कि क्या इस किट का इस्तेमाल व्यापक स्तर पर किया जा सकता है, अधिकारी ने कहा कि कुछ कंपनियां पहले ही इसके निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी उपलब्ध करा चुकी हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, स्वाइन फ्लू से इस साल मार्च तक 2,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और इससे पीड़ित कुल मामलों की संक्या 33,000 के आंकड़ें को पार कर सकती है। राजस्थान और गुजरात इससे अत्यधिक प्रभावित राज्य हैं।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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