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हेल्थ

स‍ब मिलकर सहयोग करें, तभी बचेगा पर्यावरण: प्रो. ओंकार सिंह

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पर्यावरण, स्‍कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज, अंतर्राष्‍ट्रीय सेमिनार

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लखनऊ। पर्यावरण में लगातार आ रहे हानिकारक बदलावों के लिए हम सभी जिम्मेदार हैं। हमारा भविष्य हमारे अतीत की नींव पर खड़ा है। अतः हमें छोटे-छोटे प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मिलकर सहयोग करना होगा ताकि खतरा टाला जा सके।

ये बातें मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो ओंकार सिंह ने कहीं। वे स्‍कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्‍ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।

‘‘धरती के ऊर्जा स्रोत, पर्यावरण तथा आपदा विज्ञान ‘ ग्लेशियर का पिघलना’’ विषयक अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार में शनिवार यानी 9 दिसम्बर, 2017 को प्रबुद्ध वक्ताओं ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए और शोध-पत्र प्रस्तुत किये।

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि बीएन भार्गव, चेयरमैन इकोमैन इण्डस्ट्रीज ने स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइन्सेज, लखनऊ, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्‍वविद्यालय तथा इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स, यूपी स्टेट चैप्टर के सहयोग से आयोजित इस संगोष्ठी की सामयिकता एवं महत्व की प्रशंसा की।

मुख्य अतिथि और पर्यावरणविद् बीएन भार्गव ने अपने वक्तव्य में अंधाधुंध और अनियोजित विकास के इस मॉडल को, जो प्राकृतिक संसाधनों के असंवेदनशील दोहन की कीमत पर हो रहा है, को पूरी तरह खारिज किया। उन्होंने इस दिशा में यूपी सरकार के विभिन्न प्रयासों तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता से अवगत कराया।

अपने संबोधन में सच्चिदानन्द साहू, वरिष्ठ वैज्ञानिक, इसरो ने बताया कि इसरो तथा नासा एक दूसरे से हाथ मिलाकर रिमोट सेन्सिंग सेटिलाइट की दिशा में काम कर रहे हैं।

उन्‍होंने बताया कि मानवजनित पर्यावरण की क्षति को रोका जा सकता है क्योंकि अगर यही स्थिति बनी रही तो 21 वीं सदी के आखिर तक वार्षिक वर्षा में 15 से 31 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी तथा तापमान में भी हर वर्ष 3 से 6 डिग्री सेन्टीग्रेड तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है।

अभी लगभग 15 रिमोट सेन्सिंग सेटेलाइट विभिन्न पर्यावरण बदलावों को रिकार्ड कर रहे हैं। ऐसी दशा में भिन्न-भिन्न क्षेत्रों की संस्थाओं को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।

इसी क्रम में इंजीनियर वीबी सिंह, पूर्व अध्यक्ष-इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स  ने कहा ‘‘पर्यावरण और अध्यात्म एक दूसरे से जुडे़ हैं तथा हमें सृष्टि के साथ सामन्जस्य बनाकर रहना होगा। सृष्टि को प्रभावित भी मनुष्य ही करता है। पेड़ों की अंधाधुंध कटान रोकने की जरूरत है। प्रकृति से हम ज्यादा ले रहे हैं तथा दे कम रहे हैं।  प्रकृति हमें वही वापस करेगी जो हम उससे लेंगे।

संगोष्ठी में देश-विदेश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों से आये वैज्ञानिकों तथा शोध छात्रों ने अपनी प्रस्तुतियों में पर्यावरण संरक्षण की विभिन्न चुनौतियों और समाधानों को रेखांकित किया।

संस्था के महानिदेशक (तकनीकी) प्रो भरतराज सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा: ‘‘जब हम पर्यावरण में बदलाव की बात करते हैं तब उसका उद्देश्‍य धरती पर बढ़ रहे तापमान और मौसम में बदलाव से होता है। दिनों-दिन हमारी धरती का तापमान बढ़ रहा है। सड़कों पर बढ़ते वाहन, एयर कंडीशनर, कम्प्यूटर तथा अन्य विद्युत संयत्रों के बढ़ते उपयोग से धरती के वायुमण्डलीय तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। हम विकास का मूल्य चुका रहे है, जो हमें प्रदूषित हवा, जल तथा कीटनाशकयुक्त फलों और सब्जियों के रूप में दिखाई दे रहा है।

सचिव एवं मुख्यकार्यकारी अधिकारी, एसएमएस शरद सिंह ने विभिन्न देशों से आये हुए विद्वत्जनों से धरती के पर्यावरण की सुरक्षा में अपना योगदान सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।

उन्होंने आज की आधुनिक जीवनशैली, रहन-सहन, कार्यप्रणाली को पर्यावरण प्रदूषित करने का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ‘‘भागदौड़ की इस जीवनशैली में कोई यह नहीं सोचता है कि हम स्वयं ही पर्यावरण के इन चरम बदलावों के लिए जिम्मेदार हैं।’’

संगोष्ठी में देश–विदेश से आये 189 शोधकर्ता और विद्वानों ने भाग लिया तथा 176 शोधपत्र प्रस्तुत किये गये। यह जानकारी संस्थान के कुलसचिव टीपी  सिंह ने दी है।

लाइफ स्टाइल

सुबह डल नजर आता है चेहरा, तो अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय

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face dull in morning

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नई दिल्ली। सुबह उठने के बाद अक्सर लोगों का चेहरा डल नजर आता है, तो आपको कुछ छोटे-छोटे उपाय करने चाहिए जिससे कि आपको इस प्रॉब्लम से छुटकारा मिल सके। रात के समय अगर आप कुछ टिप्स को फॉलो करके सोते हैं, तो फिर सुबह आपकी स्किन काफी दमकती हुई नजर आएगी।

आपकी स्किन अगर ऑयली है, तो आप रात के समय चेहरा धोने के बाद एलोवेरा जेल से मसाज करके सोएं। इससे आपका चेहरा सुबह उठने पर काफी ग्लोइंग नजर आएगा।

मेकअप उतारकर सोएं

आप अगर मेकअप के साथ ही सो जाते हैं, तो इससे आपका चेहरा डल नजर आने लग जाता है। साथ ही रात के समय मेकअप में मौजूद केमिकल्स आपकी स्किन पर रिएक्ट भी कर सकते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि पिम्पल्स से बचाव के लिए मेकअप उतारकर सोएं।

रात को चेहरे पर सीटीएम जरूर करें

चेहरे को ग्लोइंग बनाने और डलनेस दूर करने के लिए सीटीएम रूटीन को फॉलो करें। इसके लिए रात को सोने से पहले आपको चेहरा क्लींजर से साफ करना है, फिर टोनिंग करने के बाद मॉश्चराइजर लगाना है।

चेहरे पर फेसमॉस्क लगाकर न सोएं

कई ऐसे प्रॉडक्ट होते हैं जिन पर लिखा होता है कि यह नाइट ग्लोइंग पैक की तरह काम करते हैं और आप इसे रात में लगाकर सो सकते हैं लेकिन हर किसी की स्किन पर यह प्रॉडक्ट सूट नहीं करते हैं, इसलिए रात को कोई भी फेसमास्क लगाकर न सोएं।

 

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