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बिजनेस

हड़ताल से पश्चिमी राज्यों की बैंकिंग प्रणाली ठप

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मुंबई| देश के पश्चिमी राज्यों में 4.50 लाख बैंक कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण शुक्रवार को बैंकिंग गतिविधि ठप्प हो गई है। यह जानकारी यहां एक अधिकारी ने दी। शुक्रवार को चार दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आखिरी दिन है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष वी. उटागी ने  कहा, “आज (शुक्रवार को) महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव में 35 हजार शाखाओं में बैंक हड़ताल पूरी तरह सफल रही। इसके साथ ही 20 हजार से अधिक कर्मचारियों ने आज दोपहर मुंबई में रैली भी निकाली।”

उटागी ने कहा कि हड़ताल के कारण चेक निस्तारण, सरकारी लेन-देन, विदेशी मुद्रा विनिमय, शेयर बाजार कारोबार बाधित हुआ।

उटागी युनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियंस (यूएफबीयू) के भी संयोजक हैं।

अकेले मुंबई में चार लाख करोड़ मूल्य के 25 करोड़ से अधिक चेकों का निस्तारण प्रभावित हुआ और कई स्थानों पर दोपहर तक एटीएम में पैसे खत्म हो गए।

हड़ताल दो दिसंबर से जारी है और पश्चिम भारत की यह हड़ताल चार दिवसीय हड़ताल के आखिरी दिन हुई।

कर्मचारी वेतन संशोधन की मांग कर रहे हैं।

उटागी ने कहा कि बैंक कर्मियों का वेतन संशोधन एक नवंबर 2012 से नहीं हुआहै। आखिरी द्विपक्षीय समझौते की अवधि में 31 अक्टूबर 2012 को समाप्त हो गई है।

इस अवधि के समाप्त होने से पहले अक्टूबर 2012 में ही कर्मचारियों और अधिकारियों की अलग-अलग मांगों की साझा सूची यूएफबीयू ने इंडियन बैंक्स एसोसिएशन को सौंप दी थी।

यूएफबीयू नौ बैंक कर्मचारी और अधिकारी संगठनों का एक प्रतिनिधि संगठन है। इसमें शामिल संगठनों में हैं नेशनल कंफरेंस ऑफ बैंक एम्प्लाईज, बैंक एंप्लाईज फेडरेशन ऑफ इंडिया, इंडियन नेशनल बैंक एंप्लाइज फेडरेशन, इंडियन नेशनल बैंक ऑफिशर्स कांग्रेस, नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स, ऑल इंडिया बैंक ऑफिशर्स एसोसिएशन एंड नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिशर्स।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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