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खट्टर सरकार ने पेश किया पहला बजट, संसाधनों के सदुपयोग पर जोर

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चंडीगढ़। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया। वित्त मंत्री अभिमन्यु ने बजट में किसी भी नहीं नए कर का प्रस्ताव नहीं रखा। राज्य के वित्त मंत्री अभिमन्यु ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा, “किसी तरह का कोई नया कर लगाने या मौजूदा करों में वृद्धि करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।” उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा करों के संग्रह में सुधार लाएगी और इसकी खामियां दूर करेगी।

अभिमन्यु ने कहा कि यह बजट कथित प्राथमिकताओं के आधार पर वित्तीय संसाधनों का सदुपयोग करने का एक प्रयास है। गौरतलब है कि अभिमन्यु ने हाल ही में हॉर्वर्ड बिजनेस स्कूल से तीन वर्षीय प्रबंधन पाठ्यक्रम पूरा किया है। उन्होंने अपना पहला बजट पेश करने से पहले पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए तीन सप्ताह का अवकाश लिया था। पिछले साल अक्टूबर में राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत के बाद मनोहर लाल खट्टर सरकार का यह पहला बजट है।

अभिमन्यु ने हालांकि बजट में कुछ वस्तुओं पर वैट में कटौती का प्रस्ताव किया, जिनमें पर्यावरण और मृदा गुणवत्ता के प्रचार के लिए जैव-उर्वरकों पर वैट में कटौती शामिल है। उन्होंने एलईडी लाइट, पाइप फिटिंग्स और पूर्वनिर्मित इस्पात संरचनाओं पर वैट की दरों में पांच प्रतिशत कटौती का भी ऐलान किया। अभिमन्यु ने कहा, “मैं सुनिश्चित हूं कि इन रियायतों के बावजूद सरल प्रशासन और बेहतर अनुपालन की वजह से अगले साल हमारे कर संग्रह में वृद्धि होगी।” उन्होंने कहा कि सरकार ने अगले दो साल में राज्य में दो अंकों की विकास दर का लक्ष्य रखा है।

उन्होंने विकास की गति तेज करने, दुर्गम क्षेत्रों में सुधार के द्वारा समृद्धि की तरफ व्यापक कदमों और असंतुलन में सुधार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि हम राज्य के सभी हिस्सों तक पहुंचने के लिए विकास चाहते हैं। हम पहले की सरकारों की तुलना में एकतरफा विकास नहीं चाहते। बजट में 16,423.58 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा और 9,557.52 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा दिखाया गया। सरकारी कर्मचारियों के वेतन पर 17,060.56 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पेंशन के लिए 5,900 करोड़ रुपये और ब्याज भुगतान के लिए 8,563.75 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

अभिमन्यु ने कहा, “सामाजिक क्षेत्र, पूंजीगत व्यय और बुनियादी ढांचागत विकास पर जोर देने के साथ बजट में कौशल विकास, रोजगार सृजन और सामाजिक समूहों व क्षेत्रों में असमानता समाप्त करने को प्राथमिकता दी गई है।” अभिमन्यु ने सामाजिक कल्याण, कृषि, सहकारिता, बिजली, सड़क, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे सभी प्रमुख क्षेत्रों के लिए आवंटित राशि में वृद्धि की है। वित्त मंत्री ने बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र को 17,331.08 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें आर्थिक बुनियादी क्षेत्र की योजना निर्धारण के लिए 5,793.65 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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