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खेल-कूद

हरियाणा रणजी टीम से जुड़े सहवाग

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज विरेंद्र सहवाग ने शनिवार को आगामी घरेलू सत्र के लिए दिल्ली छोड़कर हरियाणा से जुड़ने की घोषणा की। दिल्ली के लिए 1997-98 सत्र से 18 सीजन खेल चुके सहवाग पिछले कुछ सत्रों से खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं, जिसके कारण उन्हें राष्ट्रीय टीम से भी बाहर कर दिया गया। अंतत: सहवाग ने टीम छोड़ने का फैसला कर लिया।

सहवाग ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, “मैं आगामी घरेलू सत्र में हरियाणा के लिए खेलने जा रहा हूं। युवा जोश से भरपूर यह एक रोमांचक टीम है। युवा प्रतिभा से लबरेज इस टीम से जुड़कर अच्छा लग रहा है।” हालांकि सहवाग के इस स्थानांतरण को चौंकाऊ नहीं माना जा रहा। सहवाग के इस सत्र में दिल्ली छोड़ने की पूरी संभावनाएं जताई जा रही थीं। इससे पहले 2009 में भी उन्होंने दिल्ली क्रिकेट संघ पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाते हुए छोड़ देने की चेतावनी दी थी।

सहवाग ने पिछले वर्ष रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के लिए 51.63 के औसत से 568 रन बनाए। सहवाग ने कहा, “इस सीजन हरियाणा के लिए मैं खूब रन बनाना चाहता हूं। मैं डीडीसीए को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं, विशेष तौर पर अरुण जेटली का, जिन्होंने बतौर डीडीसीए अध्यक्ष सभी खिलाड़ियों का मार्गदर्शन किया और उन्हें समर्थन दिया।” हरियाणा क्रिकेट संघ (एचसीए) के अध्यक्ष अरविंद चौधरी ने कहा, “हमें इस बात का गर्व है कि घरेलू क्रिकेट में सहवाग ने राज्य का प्रतिनिधित्व करना स्वीकार किया। मैदान पर और ड्रेसिंग रूम में उनका साथ टीम के लिए लाभप्रद होगा।”

दूसरी ओर मोहित शर्मा और अमित मिश्रा की कसी हुई गेंदबाजी वाली हरियाणा टीम पिछले वर्ष बल्लेबाजी से जूझती नजर आई थी। ऐसे में सहवाग का जुड़ना निश्चित तौर पर टीम की बल्लेबाजी में बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है। सहवाग राष्ट्रीय टीम के लिए 104 टेस्ट मैच खेल चुके हैं, जिसमें उनके नाम 23 शतकों सहित कुल 8586 रन हैं।

ऑफ़बीट

IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर

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नई दिल्ली। पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। पर्थ की पिच पर ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने ऐसा कहर बरपाया कि टीम इंडिया का मजबूत बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया।

टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

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