मुख्य समाचार
हर दिन कोई न कोई नाराज हो ही जाता है : पीएम मोदी
सूरत। पीएम नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे का सोमवार को दूसरा दिन है। आज के उनके कार्यक्रम का आगाज पाटीदार आरोग्य ट्रस्ट के सुपर स्पेशिलिटी किरण अस्पताल के उद्घाटन से हुआ। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं हर दिन हर दिन ऐसा काम करता हूं कि कोई न कोई नाराज हो ही जाता है। इसके बाद पीएम मोदी ने एक हीरा फैक्ट्री का उद्घाटन भी किया।
पीएम मोदी ने सोमवार को 550 बिस्तरों वाला किरण सुपर-स्पेशलिटी हॉस्पीटल राष्ट्र को समर्पित किया, जिसका निर्माण 400 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। इस मौके पर पीएम ने स्वास्थ्य क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि हमने दवाई बनाने वाली कंपनियों को बुलाकर पूछा कि कितनी लागत लगती है? हमने पूछा कि जो दवाई 1200 रुपये में मिलती थी वह 80 रुपये में कैसे मिले? हमने 700 तरह की दवाइयों को सस्ता किया। अब सोचिए दवाई बनाने वाले मुझसे कितने नाराज होंगे?
जनसभा को भी किया संबोधित
बाद में पीएम मोदी ने एक जनसभा को भी संबोधित किया। उन्होंने समस्त देशवासियों से अपनी कड़ी मेहनत के जरिये देश सेवा करने की अपील करते हुए कहा कि भारत जनता के सहयोग के बगैर नहीं चल सकता। इसे केवल सरकार नहीं चला सकती। मोदी ने कहा, “हमारे राष्ट्र को न तो सरकारों, राजाओं और नेताओं ने बनाया है और न ही वे इसका संचालन कर सकते हैं। इसका संचालन केवल जनता की कड़ी मेहनत व सेवा से ही संभव है।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत में हमेशा से सेवा की संस्कृति रही है, लेकिन स्वतंत्रता के बाद धीरे-धीरे यह समाप्त होती चली गई। मोदी ने कहा, “आजादी के बाद से लोग चाहने लगे कि सरकार ही सबकुछ करे। लेकिन यह हमारे राष्ट्र की संस्कृति नहीं थी।” मोदी ने कहा, “हमारा राष्ट्र हमारी सामूहिक सामाजिक जिम्मेदारी की भावना पर बना है।”
उन्होंने यह भी कहा कि देशभर में कई धर्मशालाएं, कुएं, गौशालाएं और पुस्तकालय आदि सरकार ने नहीं, बल्कि यहां के लोगों ने बनवाए हैं। मोदी ने कहा, “आजादी के बाद से (सामूहिक जिम्मेदारी की) भावना कम होती चली गई। लेकिन अब फिर से हम उस भावना को पैदा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और लोग अब फिर से देश और इसकी जनता के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं।”
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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।
उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा
प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।
विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान
योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।
समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा
पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।
खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग
योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।
बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति
चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।
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