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अन्तर्राष्ट्रीय

हवस ऐसी कि सेक्स डॉल को भी नहीं छोड़ा, किसी ने हाथ काटा तो किसी ने छाती

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ऑस्ट्रिया। इंसान हवस की आग में किस कदर अंधा हो चुका है इसका उदाहरण हमें ऑस्ट्रिया के लिंज में देखने को मिला। यहां प्रदर्शनी के लिए रखी गई एक सेक्स डॉल का लोगों ने गैंगरेप कर डाला। किसी ने डॉल का हाथ काटा तो हवस की आग में अंधे हो चुके किसी युवक ने डॉल का ये हाल किया जिसे हम लिख भी नहीं सकते।

बता दें कि इस डॉल को ऑस्ट्रिया के लिंज़ में ‘आर्ट्स इलेक्ट्रोनिया फ़ेस्टिवल’ में आयोजित एक प्रदर्शनी में रखा गया था, जिसकी कीमत तकरीबन 2,62,398 रुपये थी। इस सेक्स डॉल का नाम ‘समांथा है। प्रदर्शनी में रखी सेक्स डॉल को देखकर लोग इतने उत्तेजित हो गए कि उन्होंने उसे बुरी तरह तोड़-फोड़ दिया। किसी ने उसका हाथ काट लिया तो किसी ने उसकी छाती पर अपने दांत गड़ा दिए।

डॉल को इस इस प्रदर्शनी में रखने के पीछे यह वजह थी कि लोगों को इस सेक्स डॉल्स के बारे में जानकारी मिलेगी और वो इस तरह के प्रोडक्ट खरीदने के बारे में सोचेंगे, लेकिन हुआ सब उल्टा। लोगों ने इसे बेहद बुरे तरीके से छुआ और तोड़-मरोड़कर रख दिया। डॉल को बनाने वाले सेर्गी सैंटोस ने बताया कि लोग उसकी छाती, हाथों और पैरों पर चढ़ गए और उसे बुरी तरह तोड़ मरोड़ दिया। सैंटोस ने बताया कि लोगों की सोच इतनी गंदी हो सकती है उन्होंने ऐसा कभी सोचा भी नहीं था।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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