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हाईकोर्ट से नीतीश को झटका, विधायक दल का नेता चुने जाने पर रोक

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पटना। बिहार में सियासी संकट और गहरा गया है। पटना हाईकोर्ट ने नीतीश कुमार को जनता दल (यूनाइटेड) के विधायक दल का नेता चुने जाने पर रोक लगा दी है। नीतीश को जद (यू) विधायक दल का नेता चुने जाने को लेकर बिहार के एक विधायक ने याचिका दायर की थी। इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।

पटना हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने बुधवार को विधायक राजेश्वर राज की याचिका पर सुनवाई करते हुए नीतीश के जद (यू) विधायक दल का नेता चुने जाने पर रोक लगा दी। विधायक राज के अधिवक्ता एस़ बी़ क़े मंगलम ने बताया कि सुनवाई के दौरान न्यायालय ने विधायक दल का नेता चुने जाने के मुद्दे पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को विधायक दल के नेता पद से पदमुक्त किए बगैर नीतीश कुमार को विधायक दल का नया नेता चुने जाने का आरोप लगाते हुए नौ फरवरी को विधायक राजेश्वर राज ने पटना उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। विधायक ने याचिका में कहा है कि विधायक दल के नेता मांझी को न संवैधानिक तरीके से पदमुक्त किया गया और न ही हटाया गया तो फिर किस स्थिति में विधायक दल के नए नेता का चुनाव किया गया। मांझी पहले से ही विधायक दल के नेता का चुनाव असंवैधानिक बता रहे हैं। सात फरवरी को जद (यू) विधानमंडल की बैठक में नीतीश को नया नेता चुना गया था।

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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