प्रादेशिक
हिंसा के लिए एसएफआई कार्यकर्ता जिम्मेदार : वीरभद्र
शिमला| हिमाचल प्रदेश में छात्रों की पिटाई की घटना पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) पर हिंसा के लिए उकसाने का आरोप लगाया, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस ने उसके कार्यालय पर छापा मारा व उनके कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में शुक्रवार को कहा, “अपनी मांगों को लेकर एसएफआई का प्रतिनिधिमंडल मेरे कार्यालय में मुझसे मिलने आया था। कार्यालय से निकलने के बाद उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश भारद्वाज ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि फीस बढ़ोतरी के खिलाफ विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करने के दौरान बुधवार को पुलिस ने उन्हें पीटा, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए। मुख्यमंत्री ने कहा, “एसएफआई कार्यकर्ताओं तथा पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसके बाद तीन कार्यकर्ता नजदीक में स्थित माकपा कार्यालय में घुस गए, जिन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस भी उनके पीछे कार्यालय में घुसी।”
वीरभद्र ने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर कोई कानून का उल्लंघन करेगा, तो उस पर कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी।” वहीं, नेता प्रतिपक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि एक राजनीतिक पार्टी के कार्यालय पर हमला बेहद दुखद बात है।
उन्होंने कहा, “किसी भी राजनीतिक पार्टी के कार्यालय पर हमला नहीं होना चाहिए।” मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने राज्यपाल कल्याण सिंह को शुक्रवार को एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि छात्रों को खदेड़ा गया और उन्हें बेदर्दी से पीटा गया। माकपा ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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