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प्रादेशिक

हिमाचल के पर्यटन स्थलों से बंदरों को दूर भगाएगी अल्ट्रासोनिक-रे

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में बंदरों के उत्पात से निपटने के लिए राज्य का वन्यजीव विभाग अल्ट्रासोनिक तरंगों के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है। ये अल्ट्रासोनिक तरंगें बंदरों को आबादी वाले स्थानों और पर्यटन स्थलों से दूर रखने में मददगार होंगी। मशीन बनाने वाली कंपनी का दावा है कि यह 110 से 130 डेसिबल की ध्वनि उत्पन्न करती है, जो मनुष्यों के लिए हानिकारक नहीं है।

इस योजना के परीक्षण स्वरूप वन्यजीव विभाग शिमला के मॉल रोड इलाके में अल्ट्रासोनिक तरंगें छोड़ने वाली मशीन लगाने पर विचार कर रही है, जो शिमला आने वाले पर्यटकों का पसंदीदा स्थान है। प्रमुख वन्यजीव संरक्षक पी. एल. चौहान ने बताया कि शुरुआत में एक मशीन 15 दिनों के लिए लगाई जाएगी। यदि परिणाम अपेक्षित हुए, तो अलग-अलग स्थानों पर मशीनें लगाई जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि मशीन लगाने से पहले विभाग स्वास्थ विशेषज्ञों की सलाह ले रहा है कि इन अल्ट्रासोनिक तरंगों का मनुष्यों पर तो कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा। एक मशीन की लागत 20 हजार रुपये के लगभग है, जिसके प्रभाव में 1,000 वर्ग फीट का इलाका आएगा।

शिमला नगर निगम के उप महापौर टिकेंदर पवार ने कहा कि हर महीने बंदरों द्वारा काटे जाने के 200 से ज्यादा मामले शिमला में देखे जाते हैं। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा बंदरों को दूर रखने का प्रस्ताव अस्थायी समाधान हो सकता है, जिससे 1,000 वर्ग फीट का इलाका सुरक्षित किया जा सकता है। पहले इसका परीक्षण किया जाएगा, उसके बाद ही मशीनें लगाने की मंजूरी दी जाएगी। शिमला में मॉल रोड, रिज, जाखू, टुटिकंडी, समर हिल, टुटु, बोलीगंज, छोटा शिमला, संजौली और खलिनी जैसे इलाकों में बंदरों द्वारा छीनाझपटी की घटनाएं आम हैं। इन इलाकों में रहने वाले लोगों ने तो बंदरों से सुरक्षा के लिए अपने घरों के दरवाजे-खिड़कियों पर लोहे की जालियां लगवाकर घर को जेल जैसा बना लिया है।

पुलिस ने बताया कि पिछले साल नवंबर महीने में ममता सचदेवा नाम की एक महिला बंदरों के हमले से घबराकर बालकनी से कूद गई थी और उसकी मौत हो गई थी। वन्यजीव अधिकारियों के अनुसार 2013 में हुई गणना के अनुसार राज्य में 2,36,000 बंदर थे। वर्ष 2004 में इनकी संख्या 3,19,000 थी, इस तरह इसकी संख्या में गिरावट आई है। एक आंकड़े के अनुसार, शिमला में करीब 1,400 बंदरों का डेरा है।

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हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

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बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

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