मुख्य समाचार
हिमाचल विधानसभा में 30,185 करोड़ रुपये का बजट पारित
शिमला| हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को वर्ष 2015-16 के लिए 30,185.77 करोड़ रुपये का बजट पारित कर दिया गया। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य हालांकि इस दौरान सदन से बाहर रहे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह स्वयं वित्तमंत्री भी हैं उन्होंने 18 मार्च को सदन में बजट पेश किया था, जिसमें कोई नया कर नहीं लगाया गया है। विपक्षी भाजपा ने कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया, जिसे सदन अध्यक्ष बी.बी. एल बुटैल ने खारिज कर दिया। इसके बाद भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। छठी बार मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले वीरभद्र ने बजट में औद्योगिक परियोजनाओं पर अधिक ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि नई परियोजनाएं शुरू करने की अनुमति 45 दिनों के भीतर दे दी जाएगी। बिजली की बचत के लिए उन्होंने 21 लाख घरों को किफायती दर 150 रुपये में कम से कम तीन एलईडी बल्ब देने की घोषणा की है। इन बल्बों की कीमत हर महीने 10 रुपये किस्त के आधार पर वसूली जाएगी।
वीरभद्र ने कहा, “मेरी सरकार ने दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इन दो वर्षो में हमारी उपलब्धियां क्षेत्र, धर्म, जाति एवं मत से ऊपर उठकर, राज्य के समग्र विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। हम ‘सर्व कल्याण समग्र विकास’ के उद्देश्य के साथ कार्य कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि आम आदमी का कल्याण हमेशा से उनकी सरकार की नीतियों का केंद्र बिंदु रहा है। सत्ता संभालते ही कांग्रेस सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 450 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह किया तथा वर्तमान वित्तवर्ष में इसे आगे बढ़ाकर 550 रुपये प्रतिमाह कर दिया। वीरभद्र ने कहा कि 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वृद्ध, जो कोई अन्य पेंशन प्राप्त नहीं कर रहे हैं, को बिना किसी आय सीमा के सामाजिक सुरक्षा पेंशन के रूप में प्रति माह 1,000 रुपये दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सफाई कर्मचारियों, कूड़ा बीनने वालों, ऑटो रिक्शा तथा टैक्सी चालकों को ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना’ के दायरे में लाया गया है। “मेरी सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल में इस योजना के तहत 4.48 लाख लाभार्थियों को स्मार्ट कार्ड उपलब्ध करवाए गए हैं।”
उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के तहत आवास निर्माण के लिये दी जाने वाली वित्तीय सहायता को 48,500 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये किया गया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित परिवारों को मकान की मरम्मत के लिए दिए जाने वाले आवासीय उपदान को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये किया गया है। वीरभद्र ने कहा कि विभिन्न कल्याण योजनाओं के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिये वार्षिक आय सीमा को 20,000 रुपये से बढ़ाकर 35,000 रुपये किया गया है। अन्य पिछड़ा वर्गों की क्रीमी लेयर की वार्षिक आय सीमा 4 लाख 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये की गई है। दिहाड़ी 150 रुपये से बढ़ाकर 170 रुपये की गई है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के अतिरिक्त मानदेय में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। सिलाई अध्यापिकाओं के मासिक मानदेय को 1,600 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये किया गया है। अंशकालिक जलवाहकों का मासिक मानदेय 1,300 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये किया गया है। इसी प्रकार, गृह रक्षकों का मानदेय 225 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 260 रुपये प्रतिदिन किया गया। पेंशनरों को 65-70 वर्ष, 70-75 वर्ष तथा 75-80 वर्ष की आयु पूरी करने पर क्रमश: 5 प्रतिशत, 10 प्रतिशत और 15 प्रतिशत पेंशन भत्ता प्रदान किया गया। वर्ष 2014-15 से सैनिकों के परिवारों को दोहरी पारिवारिक पेंशन का लाभ प्रदान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षित बेरोजगारों युवाओं के कौशल में वृद्धि कर उन्हें रोजगार के अवसर मुहैया करवाने के लिए, कौशल भत्ते के रूप में प्रतिमाह 1,000 रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। अक्षम व्यक्तियों को इस भत्ते के रूप में बढ़ी हुई दर पर प्रतिमाह 1,500 रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। प्रारंभिक 2 वर्षों में 64,389 हिमाचली युवा इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित हुए हंै। उन्होंने कहा कि दो वर्ष की इस छोटी सी अवधि में ही 14 नए डिग्री कॉलेज भी खोले गए हैं। भारत सरकार की सहायता से तीन चिकित्सा महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश के ऊना जिले में एक भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी), सिरमौर जिले में एक भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आईआईएम) तथा बिलासपुर जिले में एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान (एम्स) भी शीघ्र ही स्थापित किया जा रहा है। वीरभद्र ने कहा कि सरकारी विद्यालयों के 12वीं कक्षा तक के छात्रों को हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में घर से स्कूल आने तथा वापस जाने के लिए नि:शुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा, “मैं हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में केंद्रीय विद्यालय के छात्रों को भी नि:शुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध करवाने की घोषणा करता हूं।
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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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