प्रादेशिक
1 लाख शिक्षामित्रों का यूपी में दंगल, ‘नौकरी दो या मौत दो’ के लगे नारे
लखनऊ। लक्ष्मण मैदान में प्रदेश भर से आए शिक्षामित्र अपनी मांगों को लेकर डटे हुए है। दूसरे दिन की शुरुआत के वक्त सभी शिक्षा मित्रों ने ये फैसला लिया था कि दोपहर को होने वाला लंच एक साथ करेंगे।
प्रशासन को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, तो उन्होंने अधिकारियों का एक दल शिक्षा मित्रों के पास भेजा। आधे घंटे की बातचीत के बाद शिक्षामित्रों ने गुटों में बटकर लंच करने का निर्णय किया।
बता दें कि, ये सभी शिक्षामित्र सुप्रीम कोर्ट से अपनी नियुक्ति रद्द किए जाने पर नाराज हैं। इनकी मांग है कि राज्य सरकार अध्यादेश लाकर इन्हें फिर सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त करे और तब तक समान कार्य करने के लिए समान वेतन के सिद्धांत पर उन्हें शिक्षकों के बराबर वेतन दे।
ये चाहते है कि सरकार संशोधित अध्यादेश लाकर उन्हें फिर से सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित करे, तब तक ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ के सिद्धांत पर उन्हें शिक्षकों के बराबर तनख्वाह दी जाए।
सर्वोच्च न्यायालय की ओर से शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक के तौर पर समायोजन रद्द होने के बाद से नाराज शिक्षामित्र सोमवार को फिर लखनऊ में प्रदर्शन करने पहुंचने लगे थे और मांगे नहीं पूरी किए जाने पर उनका कहना है कि वो आगे भी ऐसे ही धरना देते रहेगें।
इनदिनों लखनऊ में शिक्षामित्रों का जमावड़ा लगा हुआ है। न सिर्फ लक्ष्मण मैदान बल्कि लखनऊ की पूरी सड़कों पर ‘नौकरी दो,या मौत दो’ का नारा गूंज
रहा है।
अखिलेश यादव ने किया ट्वीट-
- यूपी में असिस्टेंट टीचर के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को बड़ा फैसला सुनाया।
- कोर्ट के फैसले में कहा गया कि 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से समायोजित हुए 1 लाख 38 हजार शिक्षामित्रों की असिस्टेंट टीचर के पद पर हुई नियुक्ति अवैध है।
- सभी 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दो साल के अंदर टीईटी एग्जाम पास करना होगा। इसके लिए उन्हें दो साल में दो मौके मिलेंगे।
बता दें, 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिन्होंने टीईटी एग्जाम पास कर रखा है। ऐसे में यह फैसला उनके ऊपर भी लागू होगा।
साथ ही इन दो सालों में टीईटी एग्जाम पास करने के लिए उम्र के नियमों में भी छूट दी जाएगी।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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