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आध्यात्म

10 जुलाई से शुरू हो रहा सावन, बन रहा विशेष योग

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भगवान शिव, सावन मास, मनोकामनाएं, सोमवार, ज्यो्तिष

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भगवान शिव को बेहद प्रिय सावन मास की शुरुआत इस बार 10 जुलाई से हो रही है। सात अगस्‍त तक इस वर्ष सावन रहेगा। इस बार पांच सोमवार पड़ेंगे। पहली सोमवार 10 जुलाई एवं आखिरी सात अगस्त को है। मान्यता है कि सावन में भगवान शिव के पूजन और अभिषेक से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं अवश्‍य पूरी होती हैं।

ज्‍योतिष के मुताबिक इस बार 17 वर्ष के बाद सावन मास में अलौकिक योग का संयोग है। सावन की शुरुआत चंद्राश योग में हो रही है। सावन की शुरुआत एवं समापन सोमवार से होना भी विशेष योग है।

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बता दें कि तीन वर्ष के बाद सावन में पांच सोमवार का योग बना है। पांच सोमवार के चलते महागजकेशरी योग का संयोग अति फलदायी है। सावन में बेलपत्र, दूध, गंगाजल, भांग, धतूरा, मदार और फूल भोलेनाथ को अर्पित करने से शनि भी प्रसन्न होते हैं। ऐसा करने से शनि की ढैया और साढ़े साती से परेशान लोगों को लाभ होता है।

इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।

व्रत एवं त्यौहार

CHHATH POOJA 2024 : जानें कब से शुरू होगी छठी मैया की पूजा, जानिए इसे क्यों मनाते हैं

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मुंबई। त्रेतायुग में माता सीता और द्वापर युग में द्रौपदी ने भी रखा था छठ का व्रत रामायण की कहानी के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी।

छठ पूजा क्यों मनाते है ?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा अर्चना और अर्घ्य देने से सुख-शांति, समृद्धि, संतान सुख और आरोग्य की प्राप्ति होती है। छठ पूजा को डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। यह चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व के दौरान प्रकृति के विभिन्न तत्वों जैसे जल, सूर्य, चंद्रमा आदि की पूजा की जाती है. यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है और हमें प्रकृति के संरक्षण का महत्व सिखाता है. छठ का व्रत बहुत कठिन होता है. व्रतधारी 36 घंटे तक बिना पानी पिए रहते हैं. साथ ही छठ पर्व सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है. इस पर्व के दौरान लोग मिलकर पूजा करते हैं, भोजन करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं. इससे सामाजिक एकता और भाईचारा बढ़ता है.

छठ पर्व के 4 दिन

छठ पूजा का पहला दिन, 5 नवंबर 2024- नहाय खाय.
छठ पूजा का दूसरा दिन, 6 नवंबर 2024- खरना.
छठ पूजा का तीसरा दिन, 7 नवंबर 2024-डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य.
छठ पूजा का चौथा दिन, 8 नवंबर 2024- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण

 

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