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’10 फीसदी एम्प्लाई कम कर सकता है एसबीआई’

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नई दिल्ली। देश में सर्वाधिक ऋण मुहैया कराने वाली सरकारी स्वामित्व वाली बैंकिंग कंपनी भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) संबद्ध छह बैंकों का विलय करने के बाद अगले दो वर्षो के दौरान अपने कार्यबल में कटौती कर सकता है।

एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि विलय के बाद नए कर्मचारियों की नियुक्ति में कमी आ सकती है और डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया जा सकता है। एसबीआई के महाप्रबंधक रजनीश कुमार ने कहा, “समय के साथ कार्यबल में कमी आएगी। संभव है अगले दो वर्षो में हमारे कार्यबल में 10 फीसदी की कटौती हो।”

एसबीआई में इस समय करीब 207,000 कर्मचारी हैं तथा एक अप्रैल को छह संबद्ध बैंकों – बीकानेर एवं जयपुर स्टेट बैंक, मैसूर स्टेट बैंक, त्रावणकोर स्टेट बैंक, पटियाला स्टेट बैंक, हैदराबाद स्टेट बैंक और भारतीय महिला बैंक – के विलय के बाद एसबीआई में करीब 70,000 कर्मचारी और बढ़ जाएंगे।

रजनीश कुमार ने कहा, “विलय के बाद एसबीआई के कर्मचारियों की संख्या 2,77,000 हो जाएगी। यह संख्या मार्च, 2019 तक कम होकर 2,60,000 रह जाने की उम्मीद है। पहले विलय होने देते हैं और इससे पडऩे वाले फर्क को देखते हैं।”

उन्होंने कहा, “हमने स्व-सेवानिवृत्ति की पेशकश दी है। इसके अलावा स्वाभाविक छंटनी भी होगी और हर वर्ष हम नौकरी छोडऩे वालों, सेवानिवृत्त होने वालों या स्व-सेवानिवृत्ति लेने वालों की भरपाई नहीं करेंगे। डिजिटलीकरण के चलते भी कार्यबल में कटौती होगी। इन सबका संयुक्त रूप से असर पड़ेगा।”

रजनीश ने हालांकि कर्मचारियों की छंटाई का खंडन करते हुए कहा कि इसका तो सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा, “दो साल के अंदर यह सारे असर दिखाई देने लगेंगे। विलय के बाद परिणाम पर कार्यबल में कटौती निर्भर करेगी। एक ही जिम्मेदारी के पद पर एक से अधिक कर्मचारियों को हटाया जाएगा और हम फील्ड कर्मचारियों की संख्या बढ़ाएंगे।”

उन्होंने कहा कि इस दौरान नए कर्मचारियों की नियुक्ति रुकेगी नहीं, हालांकि इसमें 50 फीसदी की कमी जरूर आएगी। हम हर साल करीब 5,000-6,000 रिक्तियां निकालेंगे। राजनीश ने कहा, “हम नई नियुक्तियों को रोकेंगे नहीं, क्योंकि इससे निचले स्तर पर अंतराल पैदा होता है। लेकिन हर रिक्ती को भरने की जरूरत नहीं होगी। अगर किसी एक वर्ष में 13,000 कर्मचारी सेवानिवृत्त होते हैं, तो हम एक वर्ष में 7,000-8,000 नई नियुक्तियां करेंगे।”

राजनीश ने हालांकि यह भी कहा कि एसबीआई अपनी शाखाओं का प्रसार जारी रखेगी और सहायक बैंकों की शाखाएं भी एसबीआई की शाखा श्रृंखला का हिस्सा बन जाएंगी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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