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संसद में 13वें दिन भी संग्राम जारी, कामकाज ठप

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parliamentनई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी के बाद देश भर में नकदी की कमी, केंद्रीय कर्मचारियों को कथित तौर पर वेतन का भुगतान न होने तथा नोटबंदी पर चर्चा के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में सोमवार को लगातार 13वें दिन हंगामा जारी रहा। लोकसभा में नोटबंदी पर चर्चा की मांग को लेकर जारी गतिरोध को तोडऩे में सरकार व विपक्ष दोनों विफल रहे। विपक्ष मतविभाजन के नियम के तहत चर्चा की मांग कर रहा है। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी बिना किसी नियम के चर्चा का सुझाव दिया।

विपक्ष नियम 56 के तहत चर्चा की पहले की मांग को छोडक़र सोमवार को नियम 184 के तहत चर्चा की मांग पर आ गया। नियम 184 में मतविभाजन और स्थगन प्रस्ताव दोनों प्रावधान हैं, लेकिन उसमें सरकार की निंदा शामिल नहीं है।

लोकसभा अध्यक्ष ने बीजू जनता दल (बीजद) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नोटिस पर नियम 193 के तहत चर्चा को मंजूरी दे दी, जिसमें किसी मुद्दे पर संक्षिप्त चर्चा का प्रावधान है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने हालांकि नियम 184 के तहत चर्चा कराने की मांग की।

संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने हालांकि कहा कि बीजद और टीआरएस ने नियम 193 के तहत चर्चा कराने के नोटिस दिए हैं और उनकी इच्छा का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, कृपया, इसे प्रतिष्ठा के प्रश्न के रूप में नहीं लें। चर्चा शुरू करें। काले धन के खिलाफ सभी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए।

प्रश्नकाल के बीच नारेबाजी जारी रही और सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई। स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा है कि वे नियम 184 के तहत चर्चा के लिए तैयार हैं। खडग़े ने कहा, हमने नियम 56 के तहत चर्चा के लिए आग्रह किया, लेकिन अब हम अन्य तरीके खोज रहे हैं। हम नियम 184 के तहत चर्चा कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, लोग बीमार हो रहे हैं और मर रहे हैं। देश की जीडीपी घट गई है। लोगों की नौकरियां चली गई हैं। यह गंभीर मामला है। उन्होंने कहा, सरकार के पास भारी बहुमत है.. वे मतदान से क्यों भाग रहे हैं? महाजन ने विपक्ष की नियम 184 के तहत चर्चा की मांग पर कहा कि चर्चा किसी भी नियम और आम लोगों की समस्याओं के बगैर की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, प्रत्येक शख्स आम लोगों की समस्याओं की चर्चा करना चाहता है और मैं भी। नियम 193 के तहत चर्चा सूचीबद्ध है, लेकिन मैं सहयोग के लिए तैयार हूं। नियमों पर झगड़े न करें, बिना किसी नियम के चर्चा शुरू करें। हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी विपक्षी पार्टियों का प्रदर्शन जारी रहा। वे नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष की आसंदी तक पहुंच गए, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष ने सप्ताहांत के दौरान नकदी की कमी से जूझ रहे लोगों की समस्या के अलावा, केंद्रीय कर्मचारियों को वेतन भुगतान न होने का मुद्दा उठाया।

विपक्ष ने सरकार से अपने कर्मचारियों व कामगारों को तत्काल वेतन व पेंशन देने की मांग की। समाजवादी पार्टी के सदस्य नरेश अग्रवाल ने अपराह्न दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद कहा, केंद्र सरकार के किसी भी कर्मचारी को उनका वेतन (नवंबर का) नहीं मिला है।

भोजनावकाश से पहले ऊपरी सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई। इससे पहले, राज्यसभा की कार्यवाही जब पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई, नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि लोगों को नकदी न मिलने से परेशानी हो रही है और हालात बद् से बद्तर हो चुके हैं।

आजाद ने कहा, सप्ताहांत के दौरान हमसे कई लोग मिले। उन्हें पैसा ही नहीं मिला। वे परेशान हैं। उन्होंने कहा कि यहां तक कि संसद परिसर में स्थित एटीएम मशीन में भी नकदी नहीं है। इसकी प्रतिक्रिया में केंद्रीय मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा, यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसपर चर्चा होनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रस्ताव- पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे महिलाओं की माप, जिम में महिला ट्रेनर जरुरी

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लखनऊ। अगर आप महिला हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उ.प्र. राज्य महिला आयोग ने कुछ अहम फैसले लिए हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी हैं। शुक्रवार को आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए। जो की इस प्रकार हैं।

1- महिला जिम/योगा सेन्टर में, महिला ट्रेनर होना चाहिए तथा ट्रेनर एवं महिला जिम का सत्यापन अवश्य करा लिया जाये।

2-महिला जिम/योगा सेन्टर में प्रवेश के समय अभ्यर्थी के आधार कार्ड/निर्वाचन कार्ड जैसे पहचान पत्र से सत्यापन कर उसकी छायाप्रति सुरक्षित रखी जाये।

3- महिला जिम/योगा सेन्टर में डी.वी.आर. सहित सी.सी.टी.वी. सक्रिय दशा में होना अनिवार्य है।

4. विद्यालय के बस में महिला सुरक्षाकर्मी अथवा महिला टीचर का होना अनिवार्य है।

5. नाट्य कला केन्द्रों में महिला डांस टीचर एवं डी.वी.आर सहित सक्रिय दशा में सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।

6. बुटीक सेन्टरों पर कपड़ों की नाप लेने हेतु महिला टेलर एवं सक्रिय सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।

7. जनपद की सभी शिक्षण संस्थाओं का सत्यापन होना चाहिये।

8. कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सी.सी.टी.वी. एवं वाशरूम आदि की व्यवस्था अनिवार्य है।

9. महिलाओं से सम्बन्धित वस्त्र आदि की ब्रिकी की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य है।

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