बिजनेस
पेटीएम से हो सकेगा टोल टैक्स का भुगतान
नई दिल्ली। ऑनलाइन भुगतान एप पेटीएम ने देश के सभी राज्यों, राष्ट्रीय और नगरीय टोल्स में कैशलेस भुगतान को सक्षम करने के लिये रिलायंस इंफ्रा, सद्भाव, आईआरबी, एमईपी, एलएंडटी और जीएमआर जैसे बड़े राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) टोल कन्सेशनरियों के साथ साझेदारी करने की घोषणा की है। इस साझेदारी से देश भर के नियमित यात्री अब पेटीएम से तुरंत ही अपने टोल कर का भुगतान कर सकते हैं।
यात्री अपने पेटीएम एप का प्रयोग कर टोल भुगतान काउंटरों पर लगे क्यूआर कोड को आसानी से स्कैन कर सकते हैं और तुरंत ही अपने टोल शुल्क का भुगतान कर सकते हैं। इस कदम से, रोजाना आने-जाने वाले लाखों यात्री टोल पर लगने वाली लंबी कतारों और नकदी से जुड़ी दिक्कतों से छुटकारा पा सकते हैं।
पेटीएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष किरण वासी रेड्डी ने कहा, अब प्रयोक्ता देश भर के सभी बड़े टोल प्लाजा में पेटीएम से टोल कर का भुगतान कर सकते हैं, जिससे परिवहन क्षेत्र डिजिटल इकोनॉमी में परिवर्तित होने में सक्षम हो रहा है।
आज पूरे देश में 10 लाख से ज्यादा ऑफलाइन व्यापारी अपने अधिमान्य भुगतान मोड के रूप में पेटीएम को स्वीकार करते हैं। पेटीएम को पूरी तरह से लगभग सभी जगहों पर स्वीकार किया जाता है, जैसे टैक्सी, ऑटो, पेट्रोल पंप, ग्रॉसरी शॉप, रेस्तरां, कॉफी शॉप, मल्टीप्लेक्स, पार्किंग, फार्मेसी, अस्पताल, किराना दुकान, न्यूजपेपर विक्रेता इत्यादि।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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