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बिजनेस

रिक्शाॅ चालकों के लिए वित्तीय समावेशन और कौशल विकास

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रिक्शाॅ चालकों के लिए वित्तीय समावेशन और कौशल विकास

लखनऊ। अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआईएफ) और पार्टनर के रूप में भारतीय माइक्रो क्रेडिट (बीएमसी) द्वारा आज लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संजय सप्रे, फ्रैंकलिन टेम्पलटन इन्वेस्टमेंट्स, इंडिया के अध्यक्ष के हाथों लगभग 200 रिक्शा चालक जिन्होंने तकनीकी, विनियामक और वित्तीय आयामों पर प्रशिक्षण प्राप्त किया, वे एएसडीसी प्रमाण-पत्र से सम्मानित किये गए। इस कार्यक्रम में अनूप सिंह चेयरमेन (युपीएमए), गौरब परीजा, फ्रैंकलिन टेम्पलटन इन्वेस्टमेन्ट के निदेशक, निशांत पाण्डे, कंट्री डायरेक्टर एआईएफ और विजय पाण्डे, मैनेजिंग डायरेक्टर बीएमसी एवं अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में योग्य लाभार्थियों को ई-रिक्शा की चाबियाँ सौंपी गई।

फ्रैंकलिन टेम्पलटन इन्वेस्टमेंट, इंडिया अपने सीएसआर प्रयासों के माध्यम से लखनऊ और कानपुर में रिक्शा चालकों हेतु व्यापक कौशल विकास कार्यक्रम को अपना समर्थन प्रदान कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से लगभग 725 लाभार्थी ई-रिक्शा हेतु आवश्यक कौशल प्राप्त करेंगे। एएसडीसी (आॅटोमोटिव स्किल डेवलपमेंट काउंसिल) के द्वारा अब तक लगभग 200 उम्मीदवार कौशल प्रशिक्षण का लाभ प्राप्त कर चुके हैं तथा सफल उम्मीदवारों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित भी किया जा चुका है।

इस अवसर पर संजय सप्रे, फ्रेंकलिन टेम्पलटन इंडिया के अध्यक्ष, न प्रमाण-पत्र वितरित कर कहा, ‘‘ फ्रेंकलिन टेम्पलटन पर हम विश्वस्तर पर और भारत में समाज को कुछ बेहतर वापस देने की एक मजबूत प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। इस इरादे के साथ हमने कईं संगठनों के साथ भारत में हमारी सीएसआर पहल के हिस्से के रूप में शिक्षा, बुनियादी ढांचा, व्यावसायिक कौशल और आजीविका जैसी चुनौतियों को स्वीकार कर भागीदारी की है। हमारे सहयोगी संगठनों में से एक एआईएफ है, जहां हम उनके रिक्शा संघ कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं। हम पारम्परिक रिक्शा के स्थान पर ई-रिक्शा कार्यक्रम के विस्तार को लेकर खुश हैं, जिससे न केवल आमदनी में बढ़ौत्री करने में मदद मिलेगी बल्कि उन्हें आजीविका कमाने का एक आसान साधन भी प्राप्त होगा तथा देश और समाज को अभी तक का सबसे सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन विकल्प भी मिलेगा। इससे लाभार्थियों को आवश्यक उपकरण हासिल होंगे जो उनके भविष्य को उज्जवलता प्रदान करेगा। हम मानते हैं कि इस तरह की पहल कौशल को बढ़ाने पर केंद्रित है, जो एक समावेशी समाज और एक मजबूत भारत के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।’’

इस अवसर पर निशांत पाण्डे, एआईएफ के कंट्री डायरेक्टर ने अपने विचार रखते हुए कहा, ‘‘संयुक्त संपत्ति के स्वामित्व को बढ़ावा देकर एआईएफ का रिक्शा संघ कार्यक्रम रिक्शा चालकों का उद्योग प्रतिमान बदल रहा है तथा उनके सामाजिक सत्कार में वृद्धि कर रहा है। अब तक हम भारत के 8 राज्यों में 1,06,763 रिक्शा चालकों तक पहुंच चुके हैं। हम आशा करते हैं कि वित्तीय समावेशन और कौशल विकास का यह माॅडल पूरे देश में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा अपनाया जाएगा। हम खुश हैं कि संजय सप्रे, फ्रैंकलिन टेम्पलटन इन्वेस्टमेंट, इंडिया के अध्यक्ष ने अपनी गरिमामय उपस्थित से इस समारोह की शोभा बढ़ाई।’’

संपादक के लिये नोट्स:
अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआईएफ):
अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन भारत में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन को उत्प्रेरित करने और लिंग समानता के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु लड़कियों और महिलाओं को सशक्त बनाने पर विशेष जोर देने के साथ प्रभावी उच्च हस्तक्षेप के माध्यम से शिक्षा, आजीविका, सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं नेतृत्व विकास हेतु प्रतिबद्ध है। एआईएम, कईं एनजीओ के साथ भागीदार के रूप में स्थानीय समुदायों और सरकार के साथ मिलकर विकास और अभिनव समाधान का परीक्षण करने हेतु काम कर रहा है। 2001 में गुजरात में आए भूकम्प के बाद से स्थापित, एआईएफ भारत के 3.1 मिलियन गरीब लोगों के जीवन पर अपना सकारात्मक प्रभाव डाल चुका है और 2018-19 तक इसका लक्ष्य 5 मिलियन लोगों तक अपनी पहुंच बनाना है।

रिक्शा संघ कार्यक्रम के बार में: एआईएफ का रिक्शा संघ, इस अत्यधिक गरीब शोषक तबके के लिये औपचारिक ऋण प्रदान कर, आय में स्थिरता लाकर, गरिमापूर्ण और सामाजिक लाभ (परिवार स्वास्थ्य बीमा और पहचान पत्र सहित) के माध्यम से चालकों को रिक्शा मालिक बनने हेतु सक्षम बनाता है। एआईएफ की ग्यारंटी के द्वारा रिक्शा समूह ऋण की संयुक्त जिम्मेदारी लेता है जिससे कि रिक्शा चालक आसान साप्ताहिक किश्तें चुका कर एक वर्ष में अपने स्वयं के वाहन के मालिक बन सके। एआईएफ, राष्ट्रीयकृत बैंकों को इन ऋणों के लिये फस्र्ट लाॅस डिफाॅल्ट ग्यारंटी प्रदान करता है। अपनी स्थापना के बाद से रिक्शा संघ ने 74 प्रतिशत स्वामित्व के साथ 1,06,000 रिक्शा चालकों को रिक्षा मालिक बनाया है।

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ऑटोमोबाइल

मारुति सुजुकी ने लॉन्च की नई 4th-जनरेशन मारुति सुजुकी डिजायर, शुरुआती कीमत ₹6.79 लाख

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नई दिल्ली। मारुति सुजुकी ने भारत में अपनी नई 4th-जनरेशन मारुति सुजुकी डिजायर को सोमवार (11 नवंबर) को लॉन्च किया। कंपनी ने इसकी शुरुआती कीमत ₹6.79 लाख (एक्स-शोरूम, दिल्ली) रखी है। इस मॉडल को 5-स्टार GNCAP क्रैश टेस्ट रेटिंग मिली है और यह सेगमेंट में सर्वश्रेष्ठ माइलेज का दावा करती है। डिजायर, भारत की सबसे लोकप्रिय सब-4 मीटर कॉम्पैक्ट सेडान रही है, जिसकी अब तक 27 लाख से अधिक यूनिट्स बिक चुकी हैं।

माइलेज मिलेगा शानदार

मारुति सुजुकी ने नई स्टैंडर्ड डिजायर के लिए 24.79 किमी प्रति लीटर, ऑटोमैटिक डिजायर के लिए 25.71 किमी प्रति लीटर और सीएनजी वैरिएंट के लिए 33.73 किमी प्रति किलो की माइलेज का दावा किया है।

सेफ्टी का है खास इंतजाम

ग्लोबल एनसीएपी के क्रैश टेस्ट में मारुति सुजुकी की नई डिजायर को एडल्ट पैसेंजर की सुरक्षा के लिए 5 स्टार रेटिंग और चाइल्ड पैसेंजर की सुरक्षा के लिए 4 स्टार मिले हैं। एमएसआई के पास वर्तमान में कुल घरेलू यात्री वाहन खंड में 40 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी (थोक) है। खुदरा बिक्री के मामले में कंपनी ने अक्टूबर में 2.02 लाख इकाइयों के साथ अपना अब तक का सर्वोच्च प्रदर्शन दर्ज किया। सेडान खंड में इसकी बाजार हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है।

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