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अन्तर्राष्ट्रीय

खालिस्तानी आतंकी निज्जर हत्याकांड में 2 आरोपी हो सकते हैं गिरफ्तार, कनाडाई अखबार का दावा

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Hardeep Singh Nijjar Meeting with CSIS officers

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ओटावा। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में कनाडा पुलिस 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर सकती है। जांचकर्ताओं को शक है कि दोनों ने ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर को गोली मारी थी। कनाडा के अखबार ‘द ग्लोब ऐंड मेल’ ने बुधवार को अपनी एक रिपोर्ट में ये दावा किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक दोनों संदिग्धों पर पुलिस नजर रख रही है और उन्हें ‘कुछ ही हफ्तों’ में गिरफ्तार किए जाने की उम्मीद है। ‘द ग्लोब ऐंड मेल’ ने 3 गुमनाम सूत्रों के हवाले से बताया है कि संदिग्ध हत्यारों ने निज्जर की हत्या के बाद कनाडा नहीं छोड़ा और पिछले कई महीने से पुलिस उन पर नजर रख रही है।

सूत्रों ने बताया कि जब आरोप तय किए जाएंगे तब पुलिस हत्याकांड में उनकी संलिप्तता और भारत सरकार की कथित भूमिका के बारे में विस्तार से बताएगी। कनाडा ने आतंकी निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ होने का आरोप लगाया है। 2020 में भारत ने हरदीप सिंह निज्जर को आतंकी घोषित किया था।

भारत ने कनाडा के आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज किया है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि कनाडा ने अपने दावों के समर्थन में किसी भी तरह के सबूत या सूचना शेयर नहीं किए हैं। निज्जर को इस साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के एक गुरुद्वारे के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी।

कनाडा का मानना है कि एक और खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश रचने के लिए अमेरिका में एक भारतीय की गिरफ्तारी से उसके आरोपों को और दम मिला है। हालांकि, भारत ने अमेरिका और कनाडा के दावों में बड़ा फर्क बताया है। उसका कहना है कि अमेरिका ने पन्नू केस में कुछ अहम इनपुट शेयर किए हैं लेकिन कनाडा के दावे हवा हवाई हैं।

कनाडाई अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘द ग्लोब सूत्रों की पहचान इसलिए जाहिर नहीं कर रहा क्योंकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और पुलिस से जुड़े मामलों पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं। यह पता नहीं है कि रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (निज्जर) हत्याकांड में किसी संदिग्ध को गिरफ्तार करने वाली है या नहीं।’ इससे पहले सितंबर में वॉशिंगटन पोस्ट ने एक वीडियो क्लिप और चश्मदीद के हवाले से बताया था कि निज्जर की हत्या के लिए दो गाड़ियों से 6 लोग आए थे।

अन्तर्राष्ट्रीय

देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें बढ़ी, पत्नी अस्मा अल-असद ने अदालत में तलाक के लिए दी अर्जी

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सीरिया। सीरिया में छिड़े गृहयुद्ध के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भाग गए। देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक असद की ब्रिटिश पत्नी अस्मा अल-असद ने रूस की अदालत में तलाक के लिए अर्जी दी है। तुर्की और अरब मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक अस्मा अल असद मॉस्को में खुश नहीं हैं और वो अब लंदन जाना चाहती हैं। बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बशर अल असद के परिवार को अपने देश में राजनीतिक शरण दी है।

25 साल की अस्मा से हुई थी असद की शादी

बशर अल-असद की पत्नी अस्मा अल असद ने रूस के कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दाखिल की है और मॉस्को छोड़ने के लिए विशेष अनुमति का अनुरोध किया है। उनके दिए गए आवेदन पर रूसी अधिकारियों द्वारा विचार किया जा रहा है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अस्मा के पास ब्रिटेन और सीरिया की दोहरी नागरिकता है। अस्मा का घर लंदन में है जहां सीरियाई माता-पिता के यहां उनका जन्म हुआ था। अस्मा साल 2000 में सीरिया चली गईं थीं। साल 2000 में ही उनकी शादी बशर अल असद से हुई थी। उस वक्त अस्मा की उम्र 25 साल थी।

रूस में असद पर लगाए गए हैं गंभीर प्रतिबंध

अपना देश छोड़कर भागे सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद को भले ही रूस ने राजनीतिक शरण दिया था, लेकिन रूस में उनपर गंभीर प्रतिबंध लगाए गए हैं। असद को मॉस्को छोड़ने या किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है। जानकारी के मुताबिक रूसी अधिकारियों ने बशर अल-असद की संपत्ति और पैसा भी जब्त कर लिया है। असद सीरिया छोड़ते वक्त 270 किलोग्राम सोना लेकर आए थे। उनकी संपत्ति में 2 अरब डॉलर और मॉस्को में 18 अपार्टमेंट शामिल हैं।

असद के भाई को रूस में नहीं मिली है शरण

सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के भाई, माहेर अल-असद को रूस ने अपने देश में शरण नहीं दी है। उन्हें शरण देने के अनुरोध की अब भी समीक्षा की जा रही है। जानकारीा के मुताबिक असद के भाई माहेर और उनका परिवार रूस में ही नजरबंद हैं।

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