बिजनेस
2000 रुपये के नोट को लेकर सरकार ने की अहम घोषणा
नई दिल्ली। क्या 2016 में नोटबंदी के बाद जारी किए गए 2000 के नोट बंद होने वाला है? सरकार ने इस मामले में लोकसभा में सफाई दी है। सरकार का कहना है कि फिलहाल 2000 रुपए के नोट को बंद करने का कोई योजना नहीं है। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने लोकसभा में लिखित सवाल के जवाब में दी है।
वित्त राज्य मंत्री से जब यह पूछा गया कि क्या सरकार का भविष्य में 2000 रुपये के नोट को बंद करने की कोई योजना है तो उन्होंने बताया कि फिलहाल सरकार 2000 रुपये के नोट को बंद करने के प्रस्ताव पर कोई विचार नहीं कर रही है।
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद 2000 रुपए के नोटों को सर्कुलेशन से हटाने की पब्लिक में चर्चा का विषय है। इसके कारण इन नोटों को लेने से भी लोग इंकार करते रहते हैं।
बता दें कि 8 नवंबर 2016 की रात पीएम मोदी ने देश में नोटबंदी की घोषणा की थी, जिसके बाद से देश में 500 और 1000 रुपए के नोट बंद कर दिए थे। नोटबंदी के बाद से ही अफवाह आ रही थी जल्द ही 2000 का नोट बंद होने वाले है। इन सभी अफवाहों पर सरकार ने फिलहाल अब पूर्ण विराम लगा दिया है।
सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए लोकसभा में बताया कि देश के पांच शहरों में 10 रुपए के प्लास्टिक करेंसी नोट्स का फील्ड ट्रायल शुरू करने का फैसला किया गया है।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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