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2019 लोकसभा चुनाव में राहुल होंगे पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार : कांग्रेस
नई दिल्ली, 22 जुलाई (आईएएनएस)| एक बड़ा फैसला लेते हुए कांग्रेस ने रविवार को कहा कि आगामी 2019 लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव से पहले और चुनाव के बाद गठबंधन पर निर्णय लेंगे।
पार्टी ने यह भी कहा कि भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के अभियान में राहुल गांधी ही पार्टी का चेहरा होंगे और वह ही पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार भी होंगे।
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्लूसी) की एक विस्तारित बैठक में राहुल गांधी को गठबंधन पर अंतिम फैसला करने के लिए अधिकृत किया गया है। बैठक में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
गठबंधन पर अंतिम फैसला लेने के लिए राहुल गांधी को अधिकृत किए जाने का निर्णय इस धारणा के बीच लिया गया है कि सोनिया गांधी की मौजूदा और संभावित सहयोगियों के बीच व्यापक स्वीकार्यता है।
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां सीडब्लूसी की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, अगले आम चुनाव में भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को हराने के लिए विपक्षी दल एक विशाल गठबंधन बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, सर्वोच्च निर्णय लेने वाली पार्टी की इकाई सीडब्लूसी ने राहुल गांधी को चुनाव से पहले व चुनाव के बाद गठबंधन के साथ-साथ अगर जरूरत पड़ी तो इस मकसद के लिए एक छोटी समिति बनाने के लिए भी अधिकृत कर दिया है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस को फिर से सत्ता पर काबिज कराने के लिए गठबंधन के मुद्दा पर विस्तार से चर्चा की गई। 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुत ही बुरी हार का सामना करना पड़ा था और उसके बाद से पार्टी भाजपा के हाथों कई महत्वपूर्ण राज्य गंवा चुकी है।
राहुल गांधी ने बैठक में कहा कि वह कांग्रेस के हितों से समझौता किए बिना राष्ट्रीय हितों के साथ गठबंधन पर बातचीत करेंगे।
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने वाली आधिपत्यवादी और दमन की ताकतों से लड़ रही है। उन्होंने कहा कि यह दूसरे स्वतंत्रता संग्राम की तरह है।
उन्होंने कहा, इस विचारधारा से लड़ा जाना चाहिए और भारत को प्रगति, शांतिपूर्ण सहअस्तित्व और सद्भाव के रास्ते पर वापस लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी युवाओं, किसानों, दलितों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और अन्य कमजोर वर्गों पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करेगी।
गठबंधनों में हमेशा लेने और देने की बात का जिक्र करते हैं उन्होंने कहा, गठबंधन अड़ियल रुख पर कभी नहीं किया जा सकता और इस पर कांग्रेस अध्यक्ष फैसला करेंगे।
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महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।
विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य
महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।
अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार
प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।
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